मुंबई/नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने शुक्रवार को किंग्स इलेवन पंजाब से उसके सह मालिक नेस वाडिया को जापान में कैनाबिस रखने के लिए दी गई निलंबित सजा के मामले के संबंध में लिखित जवाब मांगा है।
पता चला है कि अभी सीओए इस मामले को आईपीएल की नैतिक समिति के सुपुर्द नहीं करेगा जिसमें कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी शामिल हैं। उद्योगपति वाडिया को जापान के होकाइडो में हवाई अड्डे पर 25 ग्राम प्रतिबंधित पदार्थ रखने के लिए हिरासत में लिया गया था और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई और इस फैसले को 5 साल के लिए निलंबित रखा गया।
आईपीएल आचार संहिता के अनुसार एक फ्रेंचाइजी को उस हालत में प्रतिबंधित किया जा सकता है, अगर टीम से संबंधित कोई खिलाड़ी या मालिक खेल को बदनाम करे।
शुक्रवार की बैठक की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीओए ने किंग्स इलेवन प्रबंधन से इसके बारे में लिखित जवाब देने को कहा है। वे इससे सहमत हैं कि इस घटना का लीग से सीधे कोई लेना-देना नहीं है लेकिन वाडिया की गिरफ्तारी से खराब छवि बनी। एक बार किंग्स इलेवन पंजाब अपना जवाब दे देगा तो सीओए फैसला करेगा कि आगे क्या करने की जरूरत है?
यह पूछने पर कि इस मामले को अधिकारियों के सुपुर्द क्यों नहीं किया गया है? तो इस अधिकारी ने कहा कि अब हमारे पास न्यायमूर्ति डीके जैन के रूप में नैतिक अधिकारी मौजूद है। अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले को उनके सुपुर्द किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो अधिकारी उनकी मदद करेंगे।
सीओए न्यायमित्र पीएस नरसिंहा के जरिए उच्चतम न्यायालय को बताएगा कि बीसीसीआई की 26 इकाइयां अब पूरी तरह से लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुरूप हैं और अपनी राज्य इकाइयों के चुनाव करा सकती हैं।
अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई की 36 इकाइयों से केवल 26 ऐसी हैं, जो पूरी तरह से लोढ़ा समिति की सिफारिशों के हिसाब से हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आगामी कुछ दिनों में कुछ और भी पूरी तरह से इसे अपना लेंगी।
रिपोर्ट को उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा। सीओए के चुनाव की तारीख के लिए उच्चतम न्यायालय से अपील करने की उम्मीद है। जो इकाइयां लोढ़ा समिति के अनुरूप नहीं होंगी, उन्हें आम सालाना बैठक में मतदान करने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। (भाषा)