दुबई। भारतीय क्रिकेट टीम की गेंदबाजी के प्रमुख अस्त्र और दुनिया के नंबर एक तेज गेंदबाज रहे जसप्रीत बुमराह (Jaspreet Bumrah) ने 5 साल के बाद एक राज खोला है। बुमराह ने अपने पदार्पण मुकाबले को याद करते हुए कहा कि उस मैच में टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने मेरा मनोबल बढ़ाया था और इसी कारण मैं आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं। उन्होंने धोनी की तारीफ में कसीदे पढ़ने में कोई कंजूसी नहीं की
बुमराह ने 2016 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज के शुरू के चार मुकाबले हार चुकी थी और सिडनी में खेले गए पांचवें मुकाबले में बुमराह को खिलाया गया। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया।
बुमराह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला धोनी का निजी निर्णय था और सभी इसका सम्मान करते हैं, लेकिन निजी तौर पर मैंने 2016 में उनके नेतृत्व में पदार्पण किया था और उन्होंने मेरा मनोबल काफी बढ़ाया था। कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि धोनी ने इससे पहले तक मुझे किसी स्तर में गेंदबाजी करते नहीं देखा था।
उन्होंने कहा कि मेरे पदार्पण मुकाबले में जब मैं डेथ ओवर में गेंदबाजी करने गया तो मैंने धोनी से पूछा कि क्या में यार्कर फेंक सकता हूं। उन्होंने मुझसे कहा नहीं, आप यार्कर नहीं करेंगे। धोनी को उस वक्त लगा कि यह कठिन डिलेवरी है और मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा।
तेज गेंदबाज ने कहा कि मैंने धोनी से कहा कि डेथ ओवरों में मुझे यॉर्कर के सिवाय अन्य गेंदबाजी के बारे में नहीं पता है। इसके बाद मैंने यार्कर ही फेंकी और धोनी मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि तुम्हें पहले टीम में आना चाहिए था, हम सीरीज जीत सकते थे। एत तरफ जहां मैं पदार्पण के कारण काफी बेचैन था, वहीं दूसरी ओर कप्तान का मुझे ऐसा कहना मेरे लिए सुखद था। उन्होंने मुझे खुलकर गेंदबाजी की इजाजत दी।
आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलने को लेकर उन्होंने कहा कि जब आप सफल फ्रेंचाइजी के लिए खेलते हैं तो उम्मीदें भी रहती हैं। हमारी टीम बेहद अच्छी है। ट्रेंट बोल्ट के टीम में शामिल होने से मुझे उनके साथ गेंदबाजी का अवसर मिलेगा। मुंबई इंडियंस के हौसले काफी बुलंद हैं।
इस साल के अंत में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह ने कहा, 'जब हम पिछली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे तो यह काफी चुनौतीपूर्ण दौरा था लेकिन इसके नतीजे से हमें काफी खुशी हुई और यह हम सभी के लिए विशेष था। हर क्रिकेटर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इसलिए भी जाना चाहता है क्योंकि उसे पता होता है कि वहां चीजें आसान नहीं होंगी।' (वार्ता इनपुट के साथ)