टीम इंडिया को विश्व कप टी-20, वनडे विश्वकप और चैंपियन्स ट्रॉफी जिता चुके महेंद्र सिंह धोनी को पिछले 1 साल से बीसीसीआई ने नजरअंदाज किया जिसके चलते उन्होंने हाल ही में संन्यास ले लिया। अब लग रहा है कि उनकी आईपीएल फ्रैंचाइजी भी इस सीजन के बाद उनसे कन्नी काट सकती है।
महेंद्र सिंह धोनी का आईपीएल 2020 का सफर अब तक किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स लगातार संघर्ष कर रही है। कप्तान धोनी तो गलतियां कर ही रहे हैं पर फैंस के लिए बुरी खबर यह है कि अब बल्लेबाज धोनी मैच फिनिश नहीं कर पा रहे हैं।
महेंद्र सिंह धोनी कप्तान के तौर पर ओस से घबरा कर 3 बार गेंदबाजी का निर्णय ले चुके हैं जिसकी कीमत चेन्नई को हार से चुकानी पड़ी। गौरतलब है कि राजस्थान रॉयल्स , दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद से चेन्नई सुपर किंग्स लक्ष्य का पीछा करते हुए हारी। धोनी तीनों बार नाबाद रहे लेकिन कभी भी मैच नहीं जिता पाए।
कुल 5 मैचों में धोनी महज 101 रन बना पाए हैं। उन्होने अब तक 7 चौके और 4 छक्के लगाए हैं। हालांकि माही के फैंस के लिए एक अच्छी बात यह है कि उनकी कीपिंग अभी भी वैसी ही है। वह लगातार विकेट के पीछे डाइविंग कैच पकड़कर फैंस को खुश होने का मौका दे रहे हैं।
सौरव गांगुली भी बेरुखी के साथ निकले थे आईपीएल से
किसी भी क्रिकेट विशेषज्ञ से धोनी और दादा के बारे में बात करें तो वह यही कहेगा कि धोनी ने टीम इंडिया को शिकार करना सिखाया लेकिन सौरव गांगुली वह कप्तान थे जिन्होंने टीम इंडिया के नाखून पैने किए और आक्रमकता सिखाई ।
सौरव गांगुली ने भले ही आईसीसी ट्रॉफी उतनी न जीती हो लेकिन फिक्सिंग काल में फंसी टीम इंडिया को उन्होंने कैसे उबारा यह किसी से छुपा नहीं है।
आईपीएल 2008 में सौरव गांगुली शाहरुख खान की कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़े। दो साल के बाद ही फ्रैंचाइजी का उनसे मन ऊब गया। इसके बाद साल 2011 और 12 में वह पुने वॉरियर्स के साथ खेले।
दादा का बुरा फॉर्म फ्रैंचाइजी को खटकता रहा और उसके बाद उन्होंने बल्ला नहीं थामा। 59 आईपीएल मैचों में दादा ने 1349 रन बनाए जिसमें सिर्फ 7 अर्धशतक थे। ऐसा लग रहा है कि दादा को जैसे फ्रैंचाइजी ने नजरअंदाज किया वैसा व्यवहार धोनी के साथ भी हो सकता है। (वेबदुनिया डेस्क)