आईपीएल का हर सीज़न कुछ न कुछ मुश्किलें लेकर आता है लेकिन इस बार इस सीज़न में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। सनराइज़र्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन और मुम्बई इंडियंस के आल राउंडर कीरोन पोलार्ड के लिए यह आईपीएल उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा।
खासकर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जो हमेशा इंडियन प्रीमियर लीग की जान रहते हैं उन्होंने निराश किया। वैसे अगर विदेशी खिलाड़ियों की बात की जाए तो ज्यादातर बड़े नाम फीके ही रहे। बल्लेबाजी में ले देकर जॉस बटलर और क्विंटन डि कॉक का नाम सामने आता है और गेंदबाजी में कगीसो रबाड़ा का।नजर डालते हैं उन विदेशी खिलाड़ियों पर जिनका सफर इस बार औसत से भी नीचे रहा।
केन विलियमसन ने की सबसे धीमी बल्लेबाजी- (14 करोड़ में रीटेन किया)
विलियम्सन इस सीज़न महज़ 19 के औसत और 93.5 के स्ट्राइक रेट से 216 रन ही बना पाए। जो कि बतौर सलामी बल्लेबाज़ यह आईपीएल के किसी भी सीज़न में न्यूनतम है, वहीं आईपीएल के तमाम सीज़न में यह किसी भी ऐसे बल्लेबाज़ जिसने कम से कम 150 गेंदों का सामना किया हो, यह चौथा सबसे कम है।विलियमसन बतौर सलामी बल्लेबाज़ उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, जिस वजह से मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ खेले गए महत्वपूर्ण मुक़ाबले में उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे भेजा गया।
कीरन पोलार्ड को रीटेन कर पछताई मुंबई (6 करोड़ रुपए में रीटेन किया)
मुंबई के हरफ़नमौला खिलाड़ी पोलार्ड के लिए भी यह सीजन उतना अच्छा नहीं रहा, उनके प्रदर्शन से टीम का प्रदर्शन भी काफ़ी हद तक प्रभावित रहा। अगर यह कहें की कीरन पोलार्ड को रीटेन करके मुंबई पछताई तो गलत नहीं होगा। आईपीएल 2022 में 11 मैचों के बाद पोलार्ड ने 14.40 के औसत और 107.46 के स्ट्राइक रेट से केवल 144 रन बनाए हैं। यह स्ट्राइक रेट उनके लिए किसी भी आईपीएल सीज़न में सबसे कम है। इस टूर्नामेंट में 130 से कम का स्ट्राइक रेट उनके लिए केवल 2011 में था। पोलार्ड का गेंदबाजी में प्रदर्शन और दोयम रहा। 84 गेंदो में उन्होंने 125 रन लुटाकर सिर्फ 4 विकेट लिए। टूर्नामेंट के बीच में ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास भी ले लिया था।
ग्लेन मैक्सवेल की चमक रही फीकी- (11 करोड़ में किया था रीटेन)
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पिछले प्रदर्शन के आधार पर ग्लेन मैक्सवेल को रीटेन किया था लेकिन अब उनके बल्ले से चमक फीकी हो गई। 13 मैचों में ग्लेन मैक्सवेल ने 27 की औसत और 170 की स्ट्राइक रेट से 301 रन बना पाए और सिर्फ 1 बार ही 50 रनों के ऊपर जा पाए।
वैसे तो मैक्सवेल को बल्लेबाजी के लिए टीम में शामिल किया था लेकिन इस बार मैकस्वेल की स्पिन भी फिकी रही। 13 मैचों में 144 गेंदो में 165 रन देकर वह सिर्फ 6 विकेट ले पाए।
एरॉन फिंच को मौका ही मिला कभी कभार
ऑस्ट्रेलिया के T-20 कप्तान और सलामी बल्लेबाज को मेगा नीलामी में नहीं खरीदा गया था। इंग्लैंड के एलेक्स हेल्स की जगह उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स टीम में शामिल कर लिया गया था। 1.5 करोड़ के आधार मूल्य पर ही ऑस्ट्रेलिया के लिए विश्वकप जीतने वाले कप्तान फिंच को कोलकाता की टीम ने कभी कभार ही मौके दिए और जब मौके मिले तो फिंच उसे भुनाने में विफल रहे। कुल 5 मैचों में वह सिर्फ 86 रन बना पाए जो काफी बुरा प्रदर्शन है।
पैट कमिंस पर भी कोलकाता के पैसे बर्बाद गए
कोलकाता नाइट राइडर्स टीम ने एक और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को अपने खेमें में मेगा नीलामी के दौरान शामिल किया था। उनपर कोलकाता ने 7.25 करोड़ रुपए खर्च किए लेकिन मुंबई के खिलाफ 2 मैचों को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने निराश किया।
गेंदबाजी में वह बेहद महंगे साबित हुए। 5 मैचों में वह 119 गेंदो में 212 रन देकर सिर्फ 7 विकेट ले पाए। इसमें से 3 विकेट उनके अंतिम मैच में आए। वह चोटिल होकर कोलकाता का आखिरी मैच नहीं खेल पाए थे।