गुस्सैल पुलिस अफसर हैं कार्तिकेय के पिता, 6 साल बाद बताई थी सिलेक्शन की खबर
कार्तिकेय के डेब्यू विकेट लेने पर खुश हो गए थे पिताजी
मुम्बई: मुंबई इंडियंस के युवा स्पिन गेंदबाज़ कुमार कार्तिकेय ने कहा है कि कैसे उनके आईपीएल डेब्यू के चलते उन्होंने अपने ग़ुस्सैल पुलिस अफ़सर पिता श्यामनाथ सिंह को "वैसे ही हंसते देखा जैसा उन्होंने बचपन में हंसते देखा था" और यह भी कहा है कि वह घर जाकर अपने माता-पिता की प्रतिक्रिया ज़रूर देखने को उत्सुक हैं लेकिन ऐसा रणजी ट्रॉफ़ी के नॉकआउट मुक़ाबलों के बाद ही होगा।
मुंबई इंडियंस के इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो में कार्तिकेय ने क्रिकेट में अपने शौक़ के बारे में कहा, "मेरे पिता काफ़ी ग़ुस्से वाले हैं। मैं काफ़ी छोटा था तब मैंने उन्हें टीवी पर क्रिकेट देखते हुए देखा था। उस वक़्त वीरेंद्र सहवाग बैटिंग कर रहे थे। मैंने देखा कि वह क्रिकेट देखकर काफ़ी ख़ुश हो रहे हैं इसलिए मुझे लगा कि मुझे भी क्रिकेट खेलना चाहिए।"
ऐसे शुरु हुआ क्रिकेट के लिए संघर्ष
उत्तर प्रदेश में जन्मे कार्तिकेय को क्रिकेट खेलने के लिए दिल्ली में कोच संजय भारद्वाज के पास जाना पड़ा और वहां उन्होंने छह साल उनकी देखरेख में बिताए। हालांकि जब क्रिकेट खेलने की बारी आई तो दिल्ली में मौक़ा ना मिल पाने पर कार्तिकेय को अपने कोच के कहने पर शहडोल, मध्य प्रदेश जाना पड़ा। वहां से पहले मध्य प्रदेश के अंडर-23 टीम में और फिर रणजी ट्रॉफ़ी के ट्रायल्स के रास्ते उन्हें विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी वनडे प्रतियोगिता में खेलने का मौक़ा मिला। इस ख़बर को अपने पिता तक पहुंचाने के लिए उन्होंने अपने पिता को छह साल बाद फ़ोन किया।
उन्होंने कहा, "मेरे पिता काफ़ी ख़ुश थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर नहीं की। उन्होंने कहा कि 'अभी ज़िंदगी में आगे बहुत कुछ करना है'। इतना कहकर उन्होंने फ़ोन काट दिया। पिता से बात करने के बाद मैंने अपने कोच को फ़ोन लगाया। उन्होंने भी यही कहा कि 'मैंने जो तुम्हें सपना दिखाया है वह यह नहीं है, तुम्हें इससे भी आगे जाना है।'"
मुंबई की आईपीएल टीम के साथ जुड़ना कार्तिकेय के लिए एक सपना साकार होना सरीखा था। उन्होंने रोहित शर्मा और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों को अपने सामने देखा और जब रोहित ने उन्हें 30 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध खेलने के बारे में बताया तो उन्होंने अपने पिता को फ़ोन किया। उन्होंने अपने पहले ही ओवर में राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन का विकेट लिया था।
उन्होंने बताया, "मैंने अपने पिता को फ़ोन किया था कि मैं मैच खेलने वाला हूं तो उन्होंने अपने बटालियन में सभी को यह बात बताई। सभी प्रोजेक्टर में मैच देख रहे थे। जैसे ही मैंने पहला विकेट लिया वैसे ही सब ताली बजाने लगे और उन्हें गले लगाने लगे। मैच के बाद जब उन्होंने वीडियो भेजी मैंने अपने पिता को वैसे ही हंसते देखा जैसे मैंने अपने बचपन में देखा था। वह मेरे लिए एक अलग ही ख़ुशी थी।"
9 साल बाद जाएंगे घर
मैच के बाद कार्तिकेय के पिता ने उन्हें यही याद दिलाया कि जर्सी भले ही मिल गई हो अभी उन्हें आगे बहुत कुछ करना है। मुंबई की टीम भले ही आईपीएल में प्लेऑफ़ की दौड़ से बाहर है लेकिन 6 जून से मध्य प्रदेश की टीम कर्नाटका के अलुर में पंजाब के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी का क्वार्टर-फ़ाइनल खेलेगी।
कार्तिकेय ने इस पर कहा, "जब मैं घर से निकला था तब सोचा था कुछ हासिल करने के बाद ही घर लौटूंगा। अभी आईपीएल के बाद मुझे रणजी ट्रॉफ़ी का नॉकआउट खेलना है क्योंकि मेरी एमपी टीम को मेरी ज़रूरत है। इसके बाद मैं अपने घर जाऊंगा। नौ साल बाद अपने घर जाने को लेकर मैं काफ़ी उत्साहित हूं कि मेरे माता-पिता का क्या रिएक्शन होगा।"
कार्तिकेय ने चेन्नई के खिलाफ भी खासा अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने 4 ओवरों में 22 रन देकर 2 विकेट लिए।वह अब तक कुल 13 ओवरों में 102 रन देकर 5 विकेट ले चुके हैं।