कॉमेंट्री बॉक्स में साइमन डूल ने कहा, "वह घड़ी आ गई है सभी दर्शक जिसका सनराइज़र्स हैदराबाद के हर मैच में बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। रफ़्तार के सौदागर उमरान मलिक गेंदबाज़ी के लिए आ गए हैं।"
उमरान के चहरे पर मुस्कान थी। निकोलस पूरन ने गेंद को सिर के काफ़ी ऊपर कलेक्ट किया और मुस्कुराने लगे। सुनकर ऐसा लगा कि केविन पीटरसन भी कॉमेंट्री में उत्साह से चिल्ला उठे। उनके अगले शब्द थे, "यहां गति है और उछाल भी। बैंग।' मैथ्यू हेडन ने आगे जोड़ा, "146 की गति चलेगी या और बढ़ाएं?" इस पर डूल की प्रतिक्रिया थी, "यह तो वॉर्म अप है।'उमरान के पहले बाउंसर ने इस मैच में एक नया रोमांच भर दिया था।
गति है उमरान का सबसे बड़ा आकर्षण
उमरान के पास एक ही ख़ूबी है और वह है उनकी नैसर्गिक गति, जो इस गेम की सबसे आकर्षक चीज़ है। कई गेंदबाज़ 90 मील या 145 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से गेंद डाल लेते हैं। उमरान इससे भी ज़्यादा तेज़ हैं और लगभग लॉकी फ़र्ग्यूसन की श्रेणी में आते हैं। इस श्रेणी में बहुत खिलाड़ी नहीं मिलते।
यह गति हर गेंद को एक कहानी बना देती है। बाउंसर के बाद की गेंद एक लेंथ गेंद थी और ऑफ़ स्टंप के काफ़ी बाहर लेकिन कॉमेंट्री में उत्तेजना में कोई कमी नहीं आई। इसके बाद एक तकनीकी स्पष्टीकरण में उमरान के एक्शन का आकलन हुआ। हेडन ने उनकी तुलना वक़ार यूनुस से की तो वहीं डूल ने हारिस रउफ़ का नाम लिया। पेस इज़ पेस यार।
कैमरा ने इसके बाद हैदराबाद के गेंदबाज़ी कोच डेल स्टेन को ढूंढ निकाला। उमरान का ओवर अभी समाप्त भी नहीं हुआ था लेकिन ऐसा लगा उन्होंने मैच का विषय ही पलट दिया है। ऐसा लग रहा था हैदराबाद के बाकी गेंदबाज अलग पिच पर गेंदबाजी कर रहे हैं और उमरान मलिक अलग पिच पर गेंदबाजी कर रहे हैं। यह फर्क बॉलिंग फिगर्स में भी दिखा। उमरान ने गुजरात के खिलाफ 4 ओवर में 25 रन देकर 5 विकेट लिए और बाकी कोई भी गेंदबाज 1 विकेट नहीं ले पाया
17 साल की उम्र तक नहीं खेला था क्रिकेट
उमरान की कहानी अब काफ़ी लोगों को पता है। उन्होंने 17 साल की उम्र तक क्रिकेट बॉल नहीं पकड़ा था। अंडर-19 चयनकर्ताओं ने जब उन्हें देखा, तब वह जम्मू कश्मीर में सीमेंट की विकेट पर गेंदबाज़ी कर रहे थे और वहां से वह आईपीएल में कश्मीर से आने वाले केवल चौथे खिलाड़ी बने।
वहां से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले इकलौते नाम हैं परवेज़ रसूल। आईपीएल में मिथुन मनहास (केवल मूलतया कश्मीर से क्योंकि क्रिकेट के लिए उन्होंने दिल्ली में शुरुआती साल बिताए), रासिख़ सलाम, अब्दुल समद और मंज़ूर डार कश्मीर की ओर से टीमों का हिस्सा रह चुके हैं, हालांकि मंज़ूर ने कोई मैच नहीं खेला है।जम्मू कश्मीर में 2000 के दशक में आबिद नबी भी अच्छी गति के गेंदबाज़ थे। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में 100 से अधिक विकेट लिए लेकिन इंडियन क्रिकेट लीग के अलावा किसी अच्छे स्तर पर नहीं खेल पाए।उमरान अलग हैं। उनकी गति काफ़ी अधिक है। अगर आबिद एक ख़्वाब थे तो उमरान हक़ीक़त हैं।
नेट्स में जॉनी बेरेस्टो भी नहीं खेल पाते थे
उनके दूसरे ओवर की शुरुआत में हर्षा भोगले ने बताया कि कीपर और स्लिप 30 गज़ के दायरे के एकदम किनारे पर खड़े हैं। अत्यधिक गति के सामने कोई भी बल्लेबाज़ सहजता से नहीं खेलता। हैदराबाद में उमरान की शुरुआती दिनों की कहानी है कि नेट्स में जॉनी बेयरस्टो ने उन्हें खेलते हुए उनसे अपनी गति घटाने का अनुरोध किया था। आईपीएल में आते ही लोग उनकी गति की चर्चा करने लगे थे।
उनके तीसरे ओवर की शुरुआत में एक सवाल स्क्रीन पर पूछा जाता है, "क्या उमरान मलिक भारत के सार्वकालिक तेज़ गति के गेंदबाज़ हैं?"
सुनील गावस्कर ने कहा कि यह सवाल सिर्फ़ आधुनिक गेंदबाज़ों तक ही सीमित है। भारत ने आम तौर पर रफ़्तार के सौदागर नहीं देखे हैं हालांकि जसप्रीत बुमराह, वरुण ऐरन, इशांत शर्मा और उमेश यादव अच्छी गति से गेंदबाज़ी करने में सक्षम हैं।
इतनी तेज गेंद की स्लो बॉल भी नहीं रहती धीमी
उमरान, मार्क वुड की तरह लगातार तेज़ गेंदबाज़ी करते हैं। उनकी सबसे धीमी गेंदें भी 'स्लो बॉल' नहीं कहलाती। निरंतर पेस का सामना करना मज़े की बात नहीं है। यह तेज़ी कोई विशेष प्रयास से पैदा नहीं हुई बल्कि यह हर गेंद की कहानी है।
उनकी गति की कहानी स्क्रीन पर आती है। सबसे धीमी गेंद है 138.6 और औसतन 145 किमी प्रति घंटा। उनके आईपीएल करियर के कुछ आंकड़े दिखाए जाते हैं।
ऐसा है उमरान की गेंदो का स्पीड ब्रेक अप
120 से कम की रफ़्तार 1.4%, 120 और 129 के बीच भी 1.4%, 130 से 139 के बीच 6.4% और 140 से अधिक 90.8% गेंदें। इसका मतलब है वह स्लोअर गेंद डालते ही नहीं और उनकी धीमी गेंदें भी 130 से अधिक गति से आती हैं। उनकी गति में थोड़ी से गिरावट लगभग हर 10 गेंद में एक बार आती है। यह असाधारण गति की निरंतरता है।
चौथे ओवर में 151, 148, 151, 141 और 147 की गति देख कर 77% लोगों ने उमरान के हित में अपना वोट दिया। इसके बाद चर्चा में शॉन टेट, मिचेल जॉनसन और शोएब अख़्तर के नाम लिए जाते हैं।
टीवी शो पर पीटरसन उमरान की ही तारीफ़ करते रहे। कुछ हद तक ऐसा इस वजह से हुआ कि वह एक युवा भारतीय तेज़ गेंदबाज़ हैं लेकिन अधिकतर वजह यह है कि वह युवा हैं और बहुत तेज़ गेंदबाज़।उमरान मलिक सुर्खियों में इस कारण है क्योंकि वह है असली रफ़्तार के सौदागर।आइए इसी बात पर देख लेते हैं कि इस सत्र में उमरान मलिक ने अब तक किन बल्लेबाजों के डंडे उखाड़े हैं।
लारा ने उमरान की तुलना की फिडेल एडवर्ड्स से
ब्रायन लारा ने मलिक की तुलना वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज फिदेल एडवर्ड्स से की।लारा ने कहा, उमरान मलिक मुझे फिदेल एडवर्ड्स की याद दिलाते हैं। जब उन्होंने शुरुआत की थी तो बहुत तेज गेंदबाजी करते थे। मुझे लगता है कि वह (मलिक) जानते हैं कि इससे वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बना सकते हैं। मुझे लगता है कि वह जरूर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलेंगे।
उन्होंने कहा, आईपीएल में बल्लेबाज तेज गेंदबाजी खेलने के आदी हो जाते हैं, इसलिए मुझे उम्मीद है कि वह बाद में अपनी गेंदबाजी में और निखार लाएगा। वह नेट्स पर तेजी से सीखता है। वह नयी चीजें सीखना चाहता है जो कि अच्छा है।