विराट कोहली और रोहित शर्मा टीम के दो विश्वसनीय बल्लेबाज है खासकर जब बात टी-20 क्रिकेट की हो।लेकिन फिलहाल आईपीएल 2022 में दोनों ही खासे बुरे फॉर्म से गुजर रहे हैं। दोनों ही बल्लेबाज अपने एक अर्धशतक के इंतजार में है ताकि फॉर्म पाया जा सके।
कोहली ने अपनी पिछली पांच पारियों में 9, 0, 0, 12 और 1 रन बनाये हैं। उनके आउट होने के तरीके से लगता है कि वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं। उनके ज्यादातर रन पहले 3 मैचों में आए जिसमें उन्होंने 2 पारियों में 41 और 48 रन बनाए थे। इसके बाद कोहली एकदम बेरंग दिखे है।
कुल 9 मैचों में बल्लेबाज कोहली 16 की औसत और 119.63 की स्ट्राइक रेट से 128 रन ही बना पाए हैं। आईपीएल 2022 में कम स्कोर की स्ट्रिंग में दो बैक-टू-बैक गोल्डन डक भी शामिल हैं।
कोहली का प्रदर्शन 2019 से गिरता रहा है
2019 के सीज़न से कोहली ने आईपीएल में सिर्फ़ 31 के औसत और 126 के साधारण स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जबकि इससे पहले उनका औसत 52 और स्ट्राइक रेट 139 का था। 2019 से उनका आईपीएल ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय करियर भी लगभग शांत ही रहा है और 112 पारियों (आईपीएल सहित) में उनके नाम कोई शतक नहीं है, जबकि इससे पहले उनके नाम पेशेवर क्रिकेट की 709 पारियों में 86 शतक थे।
हालिया समय में यह प्रदर्शन और भी ख़राब हुआ है। सभी ने उनको हर जगह, हर देश और हर पिच पर संघर्ष करता हुआ देखा है। हालांकि कोई एक तरीक़ा नहीं है, जिसके कारण विराट कोहली बार-बार आउट हो रहे हैं, बल्कि वह हर बार आउट होने का नया तरीक़ा खोज रहे हैं। आप अपने फ़ॉर्म को कैसे प्राप्त कर सकते हैं जब आप लगातार गोल्डन डक पर या फिर रन आउट होकर पवेलियन जा रहे हैं?
लखनऊ सुपर जायंट्स के ख़िलाफ़ आईपीएल 2022 के 31वें मैच में कोहली को पहले ही ओवर में क्रीज़ पर आना पड़ा क्योंकि बेंगलुरु के सलामी बल्लेबाज़ अनुज रावत दुश्मंत चमीरा का शिकार हो चुके थे। चमीरा ने कोहली को पहली गेंद ऑफ़ स्टंप से बाहर बैक ऑफ़ लेंथ पर की। यह गेंद पड़कर बाहर भी निकली। कोहली बैकफ़ुट पर गए और आक्रामक ढंग से कट लगाने की कोशिश की। हालांकि वह गैप नहीं निकाल पाए और ना ही गेंद को नीचा रख पाए और गेंद सीधे बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े दीपक हुड्डा के हाथों में चली गई। कोहली इसके बाद पवेलियन जाने से पहले दूसरे छोर पर खड़े अपने कप्तान फ़ाफ़ डुप्लेसी को देखकर मुस्कुराने लगे।
यह मुस्कान सनराइज़र्स के ख़िलाफ़ अगले मैच में नहीं दिखाई दी। इस मैच में कोहली दूसरे ओवर में ही क्रीज़ पर आ गए थे। मार्को यानसन की पहली गेंद को कोहली ने दूर से ही खेलना चाहा और गेंद बल्ले का किनारा लेकर दूसरी स्लिप में खड़े एडन मारक्रम के हाथों में चली गई। इस बार कोहली पिच को घूरने लगे। पहले जब क्रीज़ पर आते थे तो दो स्लिप देखकर आश्चर्य होता था लेकिन अब लग रहा था कि यह आवश्यकता बन गई है। कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ सीज़न के शुरुआती मैच में उन्हें उमेश यादव ने भी कुछ इस तरह ही विकेट के पीछे लपकवाया था, जब वह छठे स्टंप की बाहर जाती गेंद को दूर से ही छेड़ने का प्रयास कर रहे थे।
कोहली अब लेंथ को पढ़ने में भी नाकाम हो रहे हैं, जैसा कि चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ मैच में देखने को मिला, जब वह युवा मुकेश चौधरी की अंदर आती लेंथ गेंद को डीप स्क्वेयर लेग पर हवा में फ़्लिक कर बैठे थे। ऐसे शॉट पर सवाल इसलिए भी उठना चाहिए क्योंकि कोहली ने यह शॉट पारी की शुरुआत में ही खेला था। 'वह आउट ऑफ़ फ़ॉर्म हैं', ऐसा कहना तो मुश्किल था लेकिन वह आउट हो गए हैं, ऐसा कहना बिल्कुल आसान था।
रोहित भी ढूंढ रहे हैं अपना पहला अर्धशतक
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा के हाल तो और भी बुरे हैं। पहले मैच और पिछले मैच को छोड़ दिया जाए तो वह सस्ते में ही आउट हुए हैं। रोहित शर्मा बल्लेबाजी में इतने फ्लॉप साबित हुए हैं इसका अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि जयदेव उनादकट का 19.66 का बैटिंग औसत कप्तान से बेहतर है। रोहित शर्मा 8 मैचों में एक भी अर्धशतक लगाने में नाकामयाब हुए हैं। उन्होंने 126 की स्ट्राइक रेट से 153 रन बनाए हैं।
पिछले सीजन की तुलना करें तो रोहित के भी लगभग वही हाल है। साल 2016 में उनका औसत 44 का था और फिर धीरे धीरे यह गिरता रहा। इसके बाद किसी भी सत्र में हिटमैन का औसत 30 तक का नहीं रहा है।
साल 2019 में रोहित शर्मा ने 15 मैचों में 28.92 की औसत और 128.57 की स्ट्राइक रेट से 405 रन बनाए थे जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे। अगले साल भी मुंबई ने ट्रॉफी अपने नाम की जिसमें रोहित ने 12 मैचों में 27.66 की औसत से 3 अर्धशतक की मदद से 332 रन बनाए।
साल 2021 का सत्र उनके लिए खासा फीका रहा। इसमें वह सिर्फ 1 अर्धशतक लगा सके और 13 मैचों में 29 की औसत से 381रन बनाए। रोहित की स्ट्राइक रेट इन सभी सत्र में 125 के आस पास रही।
हैरत की बात है कि सत्र में वह अपने ताकतवर शॉट्स पर भी विकेट गंवाते हुए दिखे हैं। दिल्ली के खिलाफ स्मैश तो कोलकाता के खिलाफ पुल शॉट्स पर उन्होंने विकेट गंवाए है। हालांकि ज्यादातर मौकों पर रोहित ने स्कोरबोर्ड को तेज करने के लिए विकेट गंवाए है। यह किस्मत का ही फेर कहिए कि हर बार गेंदबाज ने अंतिम हंसी हसी।
दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने 6 बार तेज गेंदबाजों को और 2 बार स्पिन गेंदबाजों पर विकेट दिए। लेग साइड जो रोहित का फेवरेट एरिया माना जाता है वहां वह ज्यादातर गेंद को हवा में ढकेल कर आउट हो रहे हैं।
टी-20 विश्वकप अभियान अधर में
विराट कोहली के बाद रोहित शर्मा ने टीम इंडिया की कमान वनडे और टी-20 में संभाली है। इस कारण उनपर ना केवल इस साल होने वाले टी-20 विश्वकप बल्कि अगले साल होने वाले वनडे विश्वकप में भी दबाव रहने वाला है।
पिछले साल खेला गया टी-20 विश्वकप एक बुरे सपने जैसा गया था लेकिन इस साल फैंस उसकी भरपाई की आस लगा रहे थे।
हालांकि रोहित और कोहली के बुरे फॉर्म के कारण फैंस अभी से टी-20 विश्वकप को लेकर चिंता में है। कहीं पिछले साल जैसा हाल इस साल भी ना देखने को मिल जाए।