पहला आईपीएल टूर्नामेंट शुरू होने में अभी कुछ वक्त है, लेकिन इसके प्रति क्रिकेट प्रेमियों में अभी से जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। वे उलटी गिनती गिन रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि विश्व क्रिकेट के नामचीन सितारे एक साथ कब भारतीय सरजमीं पर अपना जलवा बिखेरेंगे।
क्रिकेट का एक और भव्य आयोजन और एक बार फिर लोग दीवानों की तरह उसका इंतजार कर रहे हैं। अपने जरूरी काम आगे-पीछे करके आईपीएल टूर्नामेंट के लिए समय निकाल रहे हैं। आईपीएल क्रिकेट की दीवानगी इस कदर सिर चढ़कर बोल रही है कि कई नौकरी पेशा लोगों ने आईपीएल टूर्नामेंट के खास मैचों के लिए अभी से ही अपनी छुट्टी प्लान कर ली है।
क्रिकेट के प्रति दीवानगी कोई नई बात नहीं है, विश्वकप क्रिकेट के समय क्रिकेट दीवनगी के कई किस्सों से हम दो-चार होते हैं, लेकिन यहाँ बात की जा रही है आईपीएल की। कहीं आईपीएल के जरिये क्रिकेट प्रेमियों को छला तो नहीं जा रहा है? क्या आईपीएल में दर्शक उस स्तर के क्रिकेट का मजा ले पाएँगे जिसकी वे उम्मीद कर रहे हैं?
एक अहम सवाल यह भी है कि क्या विश्व भर के दिग्गज क्रिकेटर आईपीएल टूर्नामेंट में उसी उत्साह और जोश से खेलेंगे जिस तरह वे अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं? इस सवाल का ज्यादातर जवाब हाँ में हो सकता है लेकिन एक और खास बात यह है कि आईपीएल की वजह से कुछ क्रिकेटर अपनी राष्ट्रीय टीम को नजरअंदाज कर रहे हैं। इस बात को हम क्रिस गेल के उदाहरण से समझ सकते हैं। गेल आईपीएल टूर्नामेंट की वजह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मई में शुरू हो रही घरेलू टेस्ट सिरीज में खेलने को लेकर असमंजस में हैं।
शाहरुख खान की नाइट राइडर्स टीम में शामिल गेल ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है कि वे आईपीएल के आखिरी चरण में किंग खान की टीम के लिए उपलब्ध रहेंगे या फिर 22 मई से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जमैका में शुरू हो रहे टेस्ट में वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी करेंगे? शाहरुख ने गेल को 3.20 करोड़ रुपए के एवज में अपनी टीम में लिया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिरीज खेलकर वे इतना धन नहीं कमा सकते। गेल फिलहाल खामोश हैं और उनके विरोधी इस खमोशी पर जमकर उनकी आलोचना कर रहे हैं।
आईपीएल में कीड़े देखने वालों ने तो मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को भी नहीं बख्शा था। याद कीजिए जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी, तब आईपीएल टीमों की घोषणा हुई थी, जिसमें मुंबई इंडियंस टीम में सचिन तेंडुलकर और रॉबिन उथप्पा का नाम था। इसके ठीक बाद कुछ समाचार चैनलों ने दिखाया था कि किस तरह सचिन सिर्फ उथप्पा को ही बैटिंग टिप्स दे रहे थे। चैनलों के मुताबिक क्योंकि अब दोनों मुंबई इंडियंस टीम में हैं, इसलिए सचिन ने उथप्पा के साथ अपेक्षाकृत अधिक समय गुजारा और उन्हें टिप्स दी। हालाँकि इस बात का कोई आधार नहीं है और यह सबकुछ कहना-सुनना हास्यास्पद है।
आईपीएल टूर्नामेंट की प्रत्येक टीम के साथ एक अनुभवी कोच है। वेंकटेश प्रसाद (बंगलोर रॉयल चैलेंजर्स), लालचंद राजपूत (मुंबई इंडियंस), जॉन बुकानन (नाइट राइडर्स), ग्रेग शिफर्ड (दिल्ली डेयर डेविल्स), रॉबिनसिंह (डेकन चार्जर्स), टॉम मूडी (किंग्स इलेवन पंजाब), केपलर वेसल्स (चेन्नई सुपर किंग्स) और शेन वॉर्न (राजस्थान रॉयल्स) आईपीएल टीमों को कोच करेंगे।
आईपीएल टूर्नामेंट में ये सभी दिग्गज कोच होंगे, लेकिन बड़ी बात यह है कि एक के बाद एक अलग-अलग स्थानों पर मैच होने से सभी टीमें व्यस्त होंगी और उनका ज्यादातर वक्त सफर में गुजरेगा, ऐसे में ये नामी कोच खिलाड़ियों को कोचिंग कब देंगे? क्या ये कोच इतने कम समय में खिलाड़ियों से तालमेल स्थापित कर पाएँगे? क्या कोच होने का कोई फायदा टीमों को मिल सकेगा? क्या इनकी नियुक्ति सिर्फ नाम के लिए हुई है? ऐसे बहुत से सवाल हैं जो सर उठाते हैं, लेकिन इनका जवाब टूर्नामेंट शुरू होने के बाद ही मिलेगा।
आईपीएल के जरिये कई युवा खिलाड़ियों को विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है, उनसे बातें करने का मौका मिल रहा है और यह इस टूर्नामेंट की सबसे खास बात है।