अजय बर्वे
आईपीएल टूर्नामेंट में हर टीम अपने प्रत्येक मैच में पूरी ताकत के साथ खेल रही है, लेकिन कुछ ही टीमें है जो लगातार सफल हो रही हैं, इनमें से कुछ टीमें ऐसी भी है जो कि अपने पहले मैच में तो कुछ नहीं कर पाईं लेकिन बाद में उन्होने अपने जलवे दिखाए। वैसे टीम की सफलता और असफलता का सारा दारोमदार खिलाड़ियों से पहले कप्तान पर होता है। यह कप्तान ही होता है जो साधारण प्रतिभा के खिलाड़ियों का श्रेष्ठ उपयोग करता है। यदि कप्तान की रणनीति सही नही है तो जीतने के आसार भी कम हो जाते हैं।
आईपीएल में एक ऐसी ही टीम है राजस्थान रॉयल्स, जिसे विशेषज्ञों ने शुरू में कमजोर आँका था। अपने पहले मैच में दिल्ली डेयर डेविल्स से हारने वाली यह टीम पहले तो काफी कमजोर नजर आ रही थी लेकिन पंजाब इलेवन और डेकन चार्जर्स को हराने के बाद उन्होने यह तो सिद्ध कर दिया की वे इस दौड़ में इतने कमजोर तो नहीं हैं जितना उन्हें माना जा रहा है। अब तक राजस्थान रॉयल्स की सफलता में टीम के कप्तान और कोच शेन वॉर्न का अहम योगदान रहा है।
पिछले साल जनवरी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास से चुके वॉर्न ने संन्यास के बाद लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट खेला। 13 सितंबर 1969 को ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में जन्में वॉर्न ने जनवरी 1992 में भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला जबकि उनके वनडे करियर की शुरुआत मार्च 1993 में हुई।
वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में मुथैया मुरलीधरन के बाद दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होने 700 से ज्यादा विकेट लिए हैं, उन्होने भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कप्तानी नहीं की हो लेकिन हैम्पशायर के लिए खेलते हुए उन्होने 2005-07 तक तीन सीजन में टीम के कप्तान की भूमिका निभाई है। इस लिहाज से राजस्थान टीम के लिए काफी फायदेमंद बात है कि उनके कोच और कप्तान को कप्तानी का अच्छा अनुभव है।
अब तक वॉर्न आईपीएल में कप्तानी के अलावा एक गेंदबाज के तौर पर भी सफल रहे हैं। उन्होंने अपने लंबे अनुभव का बखूबी फायदा उठाया है, पंजाब ईलेवन के खिलाफ उन्होने खुद तीन विकेट झटक लिए थे और इसके बाद डेकन चार्जर्स के खिलाफ मैच में भी उन्होने अपनी कप्तानी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनुभव का फायदा उठाते हुए अपनी टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलवाई। इस मैच में भले ही उन्हे सायमंड्स का विकेट लेने में परेशानी आई हो लेकिन फिर भी हार न मानते हुए उन्होने अपने गेंदबाजों का उपयोग सही तरीके से करते हुए इस कशमकश भरे मैच को अपनी झोली में डाल ही लिया।
राजस्थान रॉयल्स अब तक हुए मैचों में चौथी ऐसी टीम है जिसके पास चार अंक है। आने वाले दिनों में राजस्थान रॉयल्स अगर अन्य मजबूत समझी जाने वाली टीमों को पटखनी दे तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।