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क्रिकेट ने मेरे बाल उड़ा दिए:गंभीर

हमें फॉलो करें क्रिकेट ने मेरे बाल उड़ा दिए:गंभीर
सेंचुरियन (वार्ता) , शनिवार, 2 मई 2009 (09:48 IST)
टीम इंडिया के आक्रामक ओपनर गौतम गंभीर का कहना है कि क्रिकेट ने उन्हें जिंदगी की हर खुशी प्रदान की है लेकिन दुर्भाग्य से उनके सिर के बाल भी उड़ा दिए हैं।

गंभीर ने कहा कि क्रिकेट खेलने में बड़ा मजा आता है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि आप अपने सिर के प्यारे, घुँघराले और चमकीले बालों को गँवा देते हैं। वह भी तब जब आप ओपनर हों।

उन्होंने कहा कि जब आप वीरेन्द्र सहवाग जैसे ओपनर बल्लेबाज हों तो अपने सिर के बालों की दुर्दशा करा ही लेते हैं। आप देखिए सहवाग के सिर के सारे बाल गायब हो गए हैं। मैं भी अपने सिर के दाएँ, बाएँ और मध्य सभी जगह से बालों को गँवा रहा हूँ।

गंभीर ने कहा कि वे क्रिकेट से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं और इसीलिए इस खेल को खेलते हैं। मैं क्रिकेट से प्यार करता हूँ और जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं इस खेल का अपना बेहतर नहीं दे रहा हूँ, उस दिन इसे अलविदा कह दूँगा।

क्रिकेट में सबसे अच्छा दोस्त के सवाल पर उन्होंने कहा कि सहवाग, मुनाफ पटेल, अमित मिश्रा और ईशांत शर्मा उनके प्रिय दोस्त हैं। बहुत लोगों को लगता है कि मैं थोड़ा गंभीर रहता हूँ, लेकिन जब मैं इन दोस्तों के साथ होता हूँ तो सिर्फ मैं ही बोलता हूँ। ये सब मेरे लिए खास हैं।

गंभीर ने सहवाग को क्रिकेट का सबसे बेहतरीन इनसान बताते हुए कहा कि यह आक्रामक बल्लेबाज अपने दृढ़ता भरे चरित्र से दूसरों को भरोसा दिलाते हैं और खेल तथा जिंदगी के प्रति उनका रवैया भी प्रेरणा की तरह है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आज के दौर में बेहद सफल बल्लेबाज होने के बावजूद गंभीर के लिए यह खेल कभी भी प्राथमिकता नहीं रहा है। सेना में नौकरी हमेशा से मेरे लिए पहले प्यार की तरह है। जब मैं बड़ा हो रहा था तो हमेशा सेना में नौकरी करने के बारे में सोचा करता था, लेकिन घरेलू क्रिकेट में अच्छा करने के बाद मैंने क्रिकेट पर ही ध्यान देने का फैसला किया, लेकिन अगर आज भी मुझे मौका दिया जाए तो मैं सेना के साथ जुडना पसंद करूँगा।

गंभीर ने बताया कि गत वर्ष बेंगलुरु टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग की एक टिप्पणी ने उन्हें इस विश्व विजयी टीम के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए उकसाया था। पोंटिंग ने मुझसे कहा था कि अभी मैं कुछ खास नहीं कर पाया हूँ। उनकी इस टिप्पणी को मैंने काफी गंभीरता से लिया था और जी जान लगाकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजी की। गौरतलब है कि गंभीर उस सिरीज में 'मैन आफ द सिरीज' रहे थे।

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