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टेस्ट क्रिकेट के समान है टी-20

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सेंचुरियन (भाषा) , रविवार, 24 मई 2009 (09:52 IST)
डेक्कन चार्जर्स के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट का मानना है कि ट्वेंटी-20 एक बार गलती करने के बाद इसे सुधारने का मौका नहीं देता, जो इसे दबाव के मामले में टेस्ट क्रिकेट के बराबर रखता है।

गिलक्रिस्ट ने कहा मुझे लगता है कि ट्वेंटी-20 क्रिकेट खिलाड़ियों पर अधिक दबाव डालता है। यह टेस्ट क्रिकेट के दर्जे का है क्योंकि टी-20 में जज्बे का असली संघर्ष होता है।

उन्होंने कहा यह ऐसा खेल है जहाँ जो पलक झपका ले उसे कीमत चुकानी पड़ सकती है। यहाँ गलती करने के लिए समय नहीं है। टेस्ट मैच में अगर आप गलती करते हैं तो आपको इसे सुधारने का समय और मौका मिलता है। मुझे लगता है कि यही खेल की खूबसूरती है। इसे विभिन्न प्रारूपों में खेला जा सकता है लेकिन खेल के मूल घटक समान रहते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ सेमीफाइनल में 35 गेंदों पर 85 रनों की पारी खेलकर डेक्कन चार्जर्स को फाइनल में पहुँचाया।

गिलक्रिस्ट ने कहा कि 15 साल का अंतरराष्ट्रीय अनुभव होने के कारण उन्हें डेक्कन के लिए शतक के साथ मैच का अंत करना चाहिए था।

उन्होंने कहा ब्रेक से पहले आउट होना निराशाजनक था। मुझे अपनी टीम को जीत तक ले जाना चाहिए था। आपको लगता है कि 15 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बाद निश्चित तौर पर आपने कुछ सीखा है, लेकिन शायद ऐसा नहीं है।

डेक्कन ने आईपीएल-टू सेमीफाइनल से पहले आईपीएल में दिल्ली की टीम को कभी नहीं हराया था और गिलक्रिस्ट ने कहा कि अंतत: इस टीम को हराकर वे राहत महसूस कर रहे हैं जो लीग चरण के दौरान अंक तालिका में चोटी पर चल रही थी।

उन्होंने कहा कि हमने टूर्नामेंट में अब तक दिल्ली की टीम को नहीं हराया था, इसलिए इस बोझ को अपने ऊपर से हटाकर अच्छा लग रहा है।

यह पूछने पर कि सेमीफाइनल से पहले उन्होंने अपने खिलाड़ियों से क्या कहा था, गिलक्रिस्ट ने कहा मैंने उन्हें कहा कि टूर्नामेंट में जो होगा वह उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज है और जब वे मैदान पर होंगे तो उनकी अगली गेंद उनके जीवन की सबसे अहम चीज होगी, क्योंकि आप फिलहाल जो भी कर रहे हो वह अहम है।

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