दिल्ली डेयरडेविल्स कोच ग्रेग शिपर्ड ने इंडियन प्रीमियर लीग को भविष्य में अधिक रोचक बनाने के लिए इसके कुछ मैचों में एक अतिरिक्त विदेशी खिलाड़ी रखने की सिफारिश की है।
दिल्ली टीम में कई बेहतरीन विदेशी खिलाड़ी होने के कारण शिपर्ड को मजबूर होकर ग्लेन मैग्राथ को बाहर रखना पड़ा जबकि कुछ मैचों में डेनियल विटोरी भी केवल बेंच की शोभा बढ़ाते रहे क्योंकि वर्तमान नियमों के अनुसार अंतिम एकादश में केवल चार विदेशी ही शामिल किए जा सकते हैं।
शिपर्ड ने आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट से कहा कि चार विदेशी खिलाड़ियों को रखने के नियम और विदेशी खिलाड़ियों की मदद से अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करने की हमारी जरूरत के कारण अक्सर गेंदबाजी में एक स्थान की बलि देनी पड़ी। यह मेरे लिए बहुत मुश्किल और कष्टकारी होता था जब मैं ग्लेन मैग्राथ के पास जाकर कहता था - सॉरी हम आपको टीम में नहीं ले सकते।
मैग्राथ विटोरी और यहाँ तक कि कुछ मैचों में कप्तान वीरेंद्र सहवाग के बिना भी दिल्ली कभी परेशानी में नहीं दिखी और उसने आसानी से सेमीफाइनल में जगह बनाई।
कोच के लिए यह अच्छी खबर है लेकिन शिपर्ड अब भी चाहते हैं कि मैग्राथ और विटोरी जैसे अंतरराष्ट्रीय सितारों को भी मौका मिलना चाहिए और इसके साथ ही घरेलू प्रतिभा के साथ भी किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
शिपर्ड ने कहा कि कई बेहतरीन खिलाड़ियों को बेंच पर बैठे रहना पड़ता है,इसलिए मेरा मानना है आईपीएल को अब भी इसका कोई उपाय करना चाहिए। ऐसा उपाय जिससे इन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी खेलने का मौका मिले और भारतीय क्रिकेटरों के विकास और उन्हें बढ़ावा देने के मुख्य उद्देश्य पर भी बहुत अधिक असर न पड़े।
इस ऑस्ट्रेलियाई ने सुझाव दिया कि कुछ मैचों में चार के बजाय पाँच विदेशी खिलाड़ियों को उतारने की छूट होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट में कुछ मैचों को पहले से ही रेखांकित किया जा सकता है, जिनमें आप चार विदेशी खिलाड़ियों के बजाय पाँच को अंतिम एकादश में रख सकते हो। यह विटोरी या मैग्राथ या कोई अन्य खिलाड़ी हो सकता है जो कि खेलना चाहता हो। टूर्नामेंट के तीन या चार मैचों में ऐसा किया जा सकता है।