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पिचों पर स्पिनरों ने छोड़ी छाप

स्पिनरों के लिए मददगार दक्षिण अक्रीकी पिचें

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हमें फॉलो करें दक्षिण अफ्रीका
डरबन (भाषा) , मंगलवार, 21 अप्रैल 2009 (13:39 IST)
दक्षिण अफ्रीका की पिचों को तेज गेंदबाजों के अनुकूल माना जाता है, लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग के पहले पाँच मैचों में स्पिनरों ने जिस तरह का कमाल दिखाया है उससे साफ हो गया कि इस ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में धीमी गति के गेंदबाजों को कम करके आँकना बड़ी भूल होगी।

स्पिनरों ने अब तक खेले गए हर मैच में अपनी छाप छोड़ी है और इसमें दिग्गज स्पिनर सबसे आगे रहे हैं। चाहे वे अनिल कुंबले हों या मुथैया मुरलीधरन या फिर डेनियल विटोरी हर किसी ने बेहतरीन प्रदर्शन करके टीमों को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया है।

मुरलीधरन ने कहा कि यदि स्पिनरों को इस तरह का टर्न मिलता है तो हम स्पिनर गेंदबाजी का जरूर मजा लेंगे।

यह स्पिनरों का ही कमाल है कि पहले पाँच मैचों में दो बार स्पिनरों को मैन ऑफ द मैच चुना गया। विटोरी दिल्ली डेयर डेविल्स की किंग्स इलेवन पंजाब की जीत में तीन विकेट लेकर नायक रहे तो चेन्नई सुपर किंग्स के मुरलीधरन ने पोर्ट एलिजाबेथ में बेंगलुरु रायल चैलेंजर्स को 92 रन पर ढेर करने में अहम भूमिका निभाई और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल किया।

कुंबले ने भी रायल चैलेंजर्स की तरफ से पहले मैच में पाँच रन देकर पाँच विकेट लिए थे और राजस्थान रायल्स को आईपीएल के न्यूनतम स्कोर 58 रन पर ढेर किया था। तब उन्हें मैन ऑफ द मैच का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन 66 रन बनाने वाले राहुल द्रविड़ उन पर बाजी मार गए थे।

कुंबले ने तो पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लिया था और उसके बाद उन्होंने कोई मैच नहीं खेला था।

उन्होंने कहा कि मैं संन्यास के बाद लंबे विश्राम के बाद मैदान में उतरा लेकिन जिस क्षण मैंने मैदान पर कदम रखा और गेंद हाथ में ली तो मैं वैसा ही महसूस कर रहा था जैसा हमेशा करता था। किसी भी तरह के प्रारूप में पाँच विकेट हासिल करने से कोई भी बहुत अच्छा महसूस करता है।

कुंबले ने राजस्थान रायल्स के खिलाफ 19 गेंद पर पाँच रन देकर पाँच विकेट लिए जो आईपीएल में अब तक का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। सोहेल तनवीर ने पिछले साल रायल्स की तरफ से चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 14 रन देकर छह विकेट लिए थे। यही नहीं ट्वेंटी-20 में ओवरऑल सातवीं सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। भारत के किसी भी गेंदबाज का सबसे छोटे प्रारूप के क्रिकेट में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

आईपीएल में पहले पाँच मैच में स्पिनरों ने 21 विकेट लिए हैं जबकि तेज और मध्यम गति के गेंदबाजों को 54 विकेट मिले। स्पिनरों का यह प्रदर्शन इसलिए काबिलेतारीफ है क्योंकि पिचें तेज गेंदबाजों के अनुकूल हैं और इसलिए प्रत्येक टीम ने कम से कम चार या पाँच तेज या मध्यम गति के गेंदबाजों को अपनी टीम में रखा है।

चेन्नई की टीम ने तो पिछले मैच में किसी स्पिनर की सेवाएँ नहीं ली थीं और उसे हार का सामना करना पड़ा था। मुरलीधरन आए तो टीम ने आसान जीत दर्ज की। इसी तरह कुंबले और विटोरी ने भी अपनी टीमों को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

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