दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने लगातार दूसरे साल टीम के सेमीफाइनल में पराजित होने के बाद फिर कहा कि वह उनका दिन नहीं था और केवल एडम गिलक्रिस्ट का दिन था, जिन्होंने अपनी तूफानी पारी से दिल्ली के आक्रमण को तहस-नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सहवाग ने दिल्ली की छह विकेट से हार के बाद कहा कि मुझे लगता है कि 154 रनों के लक्ष्य का बचाव किया जा सकता था, लेकिन गिलक्रिस्ट जिस अंदाज में खेल रहे थे उसमें कुछ नहीं किया जा सकता था। मैंने सब कुछ आजमाया लेकिन यह हमारा नहीं गिलक्रिस्ट का दिन था।
गिलक्रिस्ट ने केवल 35 गेंद पर 85 रन बनाए और सहवाग ने स्वीकार किया कि जिस तरह से यह विकेटकीपर बल्लेबाज खेल रहा था, वैसे में गेंदबाज भी कुछ नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों के पास गिलक्रिस्ट का कोई तोड़ ही नहीं था। उन्होंने फुलटॉस, गुडलेंग्थ, ओवर पिच किसी भी तरह की गेंद को नहीं बख्शा। मैंने काफी प्रयास किए।
तिलकरत्ने दिलशान को पावरप्ले में बुलाया और खुद छठा ओवर करने आया लेकिन गिली के सामने किसी की नहीं चली।
दिल्ली ने बल्लेबाजी करते हुए पहले ओवर में ही दो विकेट गँवा दिए थे। इस बारे में सहवाग ने कहा कि शुरू से ही हमारा दिन नहीं था। मैंने और दिलशान (65) ने अच्छी बल्लेबाजी की और जितना स्कोर था, उसे बचाया जा सकता था लेकिन गिलक्रिस्ट ने उसे बौना साबित कर दिया।