महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने जब कोलकाता नाइटराइडर्स के कोच जॉन बुकानन की बहुकप्तानी थ्योरी की आलोचना की थी, तब इस टीम के मालिक शाहरुख खान ने भड़कते हुए कहा था कि यह टीम उनकी है और वे जैसे चाहें इसे चलाएँगे।
यदि उन्होंने उस समय गावस्कर की आलोचना को गंभीरता के साथ लिया होता तो नाइटराइडर्स की आईपीएल के दूसरे संस्करण में यह दुर्गति नहीं होती।
नाइटराइडर्स की टीम आईपीएल में इस समय सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुई है। उसने नौ मैचों में से सिर्फ एक जीता है, सात हारे हैं और एक में कोई परिणाम नहीं निकला है।
वह तीन अंकों के साथ सेमीफाइनल की होड़ से बाहर हो चुकी है। नाइटराइडर्स से ऊपर मुबई इंडियन्स की टीम है, जिसके सात मैचों से सात अंक हैं।
डेक्कन चार्जर्स, हैदराबाद, बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स और किंग्स इलेवन पंजाब के अब तक आठ-आठ अंक हैं। चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के नौ-नौ अंक हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स सात मैचों में दस अंकों के साथ चोटी पर है।
आईपीएल में नाइटराइडर्स की इस समय जो हालत है, वह टूर्नामेंट के पहले संस्करण से भी कहीं बदतर है। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले गावस्कर ने अपने कॉलम में बुकानन की बहुकप्तान थ्योरी की कड़ी आलोचना की थी, जिससे भड़ककर शाहरुख ने कहा था कि यदि किसी को उनके प्रयोग करने पर कोई एतराज है तो बेहतर हो कि वे अपनी खुद की टीम खरीद लें और उसे अपनी मर्जी से चलाएँ।
शाहरुख का यह अभिमानी बयान मानो ऐसा लग रहा था कि वे अपनी किसी फिल्म का डायलॉग बोल रहे हों, लेकिन वे यह भूल गए कि गावस्कर की किसी भी टिप्पणी को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया में भी बड़े सम्मान के साथ देखा जाता है।
गावस्कर के लिए माना जाता है कि वे क्रिकेट के चलते-फिरते बाइबिल हैं। जो कुछ वे कहते हैं, बहुत नाप-तौलकर कहते हैं। हालाँकि शाहरुख ने बाद में गावस्कर से अपने बयान के लिए माफी भी माँग ली थी, लेकिन वे अपने कोच बुकानन की थ्योरी पर डटे रहे।