आईपीएल के दूसरे संस्करण के अपने पहले ही मैच में गत विजेता राजस्थान रॉयल्स पर 75 रन की शानदार जीत से उत्साहित बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स की टीम सोमवार को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ होने वाले मुकाबले में भी जीत की मंशा के साथ ही मैदान में उतरेगी।
कप्तान केविन पीटरसन के नेतृत्व में बेंगलुरु की टीम ने इस बार टूर्नामेंट की शुरुआत बडे़ ही धमाकेदार तरीके से की। जाहिर है कि आईपीएल के पहले संस्करण में खराब प्रदर्शन से इस बार यह टीम हरहाल में उबरने को बेताब होगी।
उधर टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई की टीम को अपने पहले मैच में ही मुंबई इंडियंस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, इसलिए आईपीएल के अपने दूसरे मैच में गत उपविजेता चेन्नई बेहतर प्रदर्शन करने को बेताब होगा।
बेंगलुरु टीम के पहले मैच में राहुल द्रवि़ड़, प्रवीण कुमार, अनिल कुंबले और खुद कप्तान पीटरसन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। हालाँकि उनके कई बल्लेबाज इस मैच में असफल रहे थे। न्यूजीलैंड के जेसी राइडर और रॉस टेलर खाता भी नहीं खोल सके थे, लेकिन द्रविड़ ने अपनी 66 रन की बेहतरीन पारी की बदौलत टीम को 133 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया था। बाद में कुंबले ने पाँच रन पर पाँच विकेट लेकर टीम को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ एक आसान जीत दिलाई थी।
जाहिर है कि पीटरसन इस बार अपने ओपनर बल्लेबाजों से पहले मैच की तरह गलती दोहराने की उम्मीद नहीं कर रहे होंगे। दूसरी तरफ उनके बल्लेबाज भी पहले मैच की गलतियों से सबक लेते हुए अच्छा प्रदर्शन करने का मंसूबा बना चुके होंगे। द्रविड़ ने पहले मैच जीतने के बाद कहा था कि इस बार के आईपीएल में शाट सिलेक्शन काफी मायने रखेगा। यानी शॉट खेलते समय सभी बल्लेबाजों को सतर्कता बरतनी होगी।
वहीं अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन से पीटरसन तो गद्गद् होंगे। 134 रन के कम स्कोर का जिस तरह से उनके गेंदबाजों ने बचाव किया, उससे वे अपने गेंदबाजी विभाग की तरफ से निश्चिंत हो सकते हैं।
लेकिन धोनी के लिए मुसीबत कम नहीं है। उनकी टीम पर पिछले वर्ष का प्रदर्शन दोहराने का दबाव है, लेकिन पहला ही मैच हार जाने के कारण उनकी टीम के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। जाहिर है धोनी को इस मैच में अलग रणनीति के साथ उतरना होगा।