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छाप नहीं छोड़ पाए विदेशी कप्तान

हमें फॉलो करें छाप नहीं छोड़ पाए विदेशी कप्तान
डरबन (भाषा) , बुधवार, 6 मई 2009 (14:37 IST)
ब्रैंडन मैक्कुलम यदि अपने शब्दों पर कायम रहते हैं तो कोलकाता नाइटराइडर्स को अगले सत्र में नया कप्तान मिल सकता है और यदि अनिल कुंबले की कप्तानी का जलवा बरकरार रहता है तो फिर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु इंडियन प्रीमियर लीग के तीसरे साल में केविन पीटरसन पर उन्हें तरजीह दे सकता है।

शाहरुख खान और विजय माल्या ने पिछले साल शेन वार्न की सफलता को देखकर शायद इस बार विदेशी खिलाड़ियों को अपनी टीमों की कमान सौंपी, लेकिन उनका यह फैसला कारगर साबित नहीं हुआ।

मैक्कुलम नाइटराइडर्स का भाग्य बदलने में नाकाम रहे, जबकि रॉयल चैलेंजर्स की कमान जब तक पीटरसन के हाथ में रही, तब तक उसे जीत कम और हार अधिक मिली।

मैक्कुलम को सौरव गांगुली की जगह कोलकाता का कप्तान बनाया गया था। गांगुली की अगुवाई में पिछली बार टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुँच पाई थी, लेकिन फिर भी वह छह मैच जीतने में सफल रही थी। मैक्कुलम के नेतृत्व में टीम ने अभी तक जो आठ मैच खेले हैं, उनमें से वह केवल एक जीत पाई है और सात में उसे हार मिली। नाइटराइडर्स सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया है।

मैक्कुलम ने हाल में कहा था कि यदि वह टीम को अंतिम चार में नहीं पहुँचा पाते हैं, तो अगले साल वह अपना पद छोड़ सकते हैं। उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के हाथों कल टीम की हार के बाद भी स्वीकार किया कि उन पर दबाव है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के कप्तान दबाव महसूस करते हैं और मुझे लगता है कि उन्हें जवाबदेह होना चाहिए।

मैक्कुलम हार से इतना आहत हैं जितना उन्हें कभी किसी पराजय ने नहीं किया होगा। उन्होंने कहा कि जब आप कप्तान होते हैं, तो हार आपको 20 गुना ज्यादा चोट पहुँचाती है।

रॉयल चैलेंजर्स के मालिक माल्या ने भी राहुल द्रविड़ की जगह पीटरसन को कप्तान नियुक्त किया। कोच के साथ विवाद के कारण इंग्लैंड की कप्तानी गँवाने वाले इस धाकड़ बल्लेबाज ने जिन पहले छह मैच में टीम की कमान संभाली उनमें बेंगलुरु को चार में शिकस्त झेलनी पड़ी।

पीटरसन वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला खेलने के लिए स्वदेश लौट गए और उनकी जगह कुंबले कप्तान बनाए गए। इस लेग स्पिनर की अगुवाई में रॉयल चैलेंजर्स ने अभी तक जो दो मैच खेले हैं, उनमें उसे जीत मिली है। कुंबले की टीम ने किंग्स इलेवन पंजाब को आठ रन और मुंबई इंडियन्स को नौ विकेट से हराया। पिछले साल द्रविड़ के नेतृत्व में टीम को चार में जीत और दस में हार मिली थी।

डेक्कन चार्जर्स ने भी इस बार वीवीएस लक्ष्मण की जगह ऑस्ट्रेलियाई एडम गिलक्रिस्ट को कमान सौंपी। उनकी टीम ने लगातार चार मैच जीते, लेकिन इसके बाद तीन हार से वह बैकफुट पर है।

पिछले साल भी लक्ष्मण के छह मैच के बाद चोटिल हो जाने के कारण गिलक्रिस्ट को ही चार्जर्स की कमान संभालनी पड़ी थी, लेकिन तब आठ मैच में से वे केवल एक में टीम को जीत दिला पाए थे। इस तरह से इस ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज का आईपीएल में कप्तानी का संपूर्ण रिकॉर्ड 15 मैच में पाँच जीत और दस हार है।

वार्न विदेशी कप्तानों में जरूर अपवाद है, जिनका आईपीएल में कप्तानी का रिकॉर्ड सर्वश्रेष्ठ है। इस लेग स्पिनर की अगुवाई में राजस्थान ने अब तक जो 24 मैच खेले हैं उनमें से 16 में उसे जीत मिली और पाँच में हार। पिछले साल एक मैच में शेन वाटसन ने भी टीम की कमान संभाली थी, जिसमें उसे पराजय झेलनी पड़ी थी।

भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का आईपीएल में भी कप्तानी रिकॉर्ड अच्छा है। उनकी अगुवाई में चेन्नई सुपर किंग्स ने 13 मैच जीते और दस में उसे हार मिली। इस मामले में युवराजसिंह उनसे थोड़ा आगे हैं, जिनके नेतृत्व में किंग्स इलेवन पंजाब का रिकॉर्ड 14 जीत और नौ हार है। वीरेंद्र सहवाग भी 20 मैच में 11 जीत और आठ हार के साथ अच्छी स्थिति में हैं।

सचिन तेंडुलकर ने अभी तक मुंबई इंडियन्स की 14 मैच में कमान संभाली, जिसमें से सात में उसे जीत और छह में हार मिली। पिछले साल चार मैच में शेन पोलक भी मुंबई के कप्तान बने, जिसमें से तीन में उसे जीत मिली थी, जबकि हरभजनसिंह के नेतृत्व में खेले गए तीनों मैच उसने गँवाए थे।

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