पहले ही कदम पर शर्मनाक हार का सामना करने वाले राजस्थान रॉयल्स के इरादे इंडियन प्रीमियर लीग के दूसरे मैच में मंगलवार को अपने अभियान को ढर्रे पर लाने के होंगे जबकि मुंबई इंडियंस जीत का क्रम बरकरार रखने का लक्ष्य लेकर खेलेगी।
करिश्माई शेन वॉर्न की अगुआई में रॉयल्स को पहले मैच में बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स के हाथों 75 रन से पराजय का सामना करना पड़ा।
जीत के लिए 134 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रॉयल्स की टीम 58 रन पर आउट हो गई। इंडियन प्रीमियर लीग में यह किसी टीम का न्यूनतम और ट्वेंटी-20 क्रिकेट के इतिहास में दूसरा सबसे कम स्कोर है।
रॉयल्स को गेंदबाजी में कोई समस्या नहीं है। दमित्री मस्कारेंहास, मुनाफ पटेल और वॉर्न ने मोर्चे से अगुआई की लेकिन बल्लेबाजों ने पूरी तरह निराश किया।
ग्रीम स्मिथ और पिछले साल आईपीएल की खोज रहे स्वप्निल असनोदकर कोई कमाल नहीं कर सके। टायरोन एंडरसन, यूसुफ पठान और रविंदर जडेजा ने अच्छी शुरुआत की लेकिन उसे आगे नहीं ले जा सके।
वैसे पिछले साल भी वॉर्न की टीम ने आईपीएल में पहला मैच हारने के बाद खिताब जीता था। आईपीएल के पहले सत्र में सबसे बेशकीमती खिलाड़ी रहे शेन वाटसन और पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल की गैर मौजूदगी में रॉयल्स को अपनी बल्लेबाजी पर खासी मेहनत करनी होगी।
वॉर्न ने अपने बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर निराशा जताई लेकिन टूर्नामेंट में मजबूती से वापसी का भरोसा भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह हार निराशाजनक थी। चैम्पियन होने के नाते हमसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन बल्लेबाज ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने खराब शॉट खेले। शीर्ष तीन-चार बल्लेबाजों को समझदारी से खेलना चाहिए था लेकिन मुझे वापसी का पूरा यकीन है।
दूसरी ओर सचिन तेंडुलकर की अगुआई में मुंबई इंडियंस जीत की लय कायम रखना चाहेगी। तेंडुलकर खुद शानदार फार्म में है और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उन्होंने मोर्चे से अगुआई की।
विस्फोटक बल्लेबाज सनथ जयसूर्या और शिखर धवन भी फॉर्म में लगे। अभिषेक नायर ने पहले ही साबित कर दिया है कि विरोधी टीम की साख से वे नहीं डरते। जेपी डुमिनी यदि फार्म में आ जाते हैं तो रॉयल्स की मुश्किलें बढ़ जाएँगी।
जहीर खान की अगुआई में मुंबई की गेंदबाजी भी आक्रामक है। लसित मलिंगा को खेल पाना भी मुश्किल है और हरभजनसिंह ने भी फिरकी का कमाल दिखाया है।