पहले ही मैच में पराजय की शर्मिंदगी झेलने के बाद पिछली उपविजेता चेन्नई सुपर किंग्स सोमवार को आईपीएल टू में रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ जीत की राह पर लौटने के इरादे से उतरेगी। हालाँकि राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले जैसे दो ब्रह्मास्त्रों के रहते उसकी राह आसान नहीं लग रही।
इंडियन प्रीमियर लीग के उद्घाटन सत्र में टेस्ट टीम करार दी गई रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पहले मैच में गत चैम्पियन शेन वॉर्न की राजस्थान रॉयल्स को 75 रन से हराकर अपने बदले हुए तेवर जाहिर कर दिए। वहीं खिताब के प्रबल दावेदारों में शुमार सुपर किंग्स को सचिन तेंडुलकर की अगुआई वाली मुंबई इंडियंस ने 19 रन से हरा दिया।
धोनी ने स्वीकार किया कि उनके खिलाड़ियों ने कई गलतियाँ की जिनमें सुधार जरूरी होगा। उन्होंने हालाँकि यह भी कहा कि पिछले साल भी खराब शुरुआत के बाद उनकी टीम ने लय पकड़ी थी और फाइनल तक पहुँची।
वैसे पहले दिन के खेल से साबित हो गया कि पिछले सत्र के प्रदर्शन को आधार बनाकर कोई कयास नहीं लगाया जा सकता। चेन्नई के मजबूत बल्लेबाजी क्रम में से सिर्फ धोनी (36) और मैथ्यू हेडन (44) ही कुछ देर टिक सके और गेंदबाजों ने भी निराश किया।
वैसे दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका के एल्बी मोर्केल के आने से धोनी जरूर राहत महसूस कर रहे होंगे। मोर्केल यात्रा के दौरान किट बैग खो जाने से पहला मैच नहीं खेल सके थे।
इंग्लैंड के केविन पीटरसन के रूप में नए कप्तान के साथ खेल रहे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हौसले पहले ही मैच में रॉयल्स को हराने के बाद बुलंद हैं। उसके गेंदबाजों ने अनुशासित प्रदर्शन करते हुए शेन वॉर्न की टीम को महज 58 रन पर समेट दिया।
विजय माल्या की इस टीम के पास पाँच विकेट लेने वाले लेग स्पिनर कुंबले और 66 रन की पारी खेलने वाले द्रविड़ जैसे दो ट्रंपकार्ड हैं, जिन्होंने पहले मैच में अपने अपार अनुभव का लोहा मनवा लिया। पीटरसन ने भी 32 रन की उपयोगी पारी खेली।
आमतौर पर संयम के साथ बल्लेबाजी करने वाले द्रविड़ ने सिर्फ 48 गेंद में 66 रन बनाकर विरोधी टीमों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। अब चेन्नई के गेंदबाजों को बेंगलुरु के इस बादशाह के बल्ले पर अंकुश लगाने के लिए नए सिरे से रणनीति बनानी होगी।
शुरुआती मैचों से यह भी जाहिर हो गया कि आईपीएल टू में लप्पेबाजी का नहीं, बल्कि कई तरह के शाट खेलने में माहिर बल्लेबाजों का सिक्का चलेगा। द्रविड़ ने खुद कहा है कि दक्षिण अफ्रीकी हालात में हर गेंद को पीटा नहीं जा सकता, लिहाजा हालात उनके जैसे बल्लेबाज के अनुकूल हैं।
बेंगलुरु को मार्क बाउचर, जैक कैलिस और डेल स्टेन जैसे धुरंधर दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटरों की मौजूदगी का फायदा मिलेगा।