डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ बुधवार को 12 रन की रोमांचक जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम शुक्रवार को यहाँ इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जीत की लय कायम रखने उतरेगी जबकि युवराजसिंह की सेना का लक्ष्य दिल्ली की टीम के विजय रथ पर 'ब्रेक' लगाने का होगा।
दिल्ली की टीम बेहतरीन प्रदर्शन के बाद 10 मैचों में 16 अंक के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश करने वाली पहली टीम बन चुकी है जबकि पंजाब की टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है और वह आठ टीमों में सातवें स्थान पर चल रही है।
युवराज की टीम को अगर सेमीफाइनल में जगह बनाने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखना है तो उसे दिल्ली की टीम को हराना होगा लेकिन वीरेंद्र सहवाग की अगुआई वाली टीम की बेहतरीन फॉर्म को देखते हुए यह काम आसान नहीं होगा।
टीम को युवराज के अलावा अन्य बल्लेबाजों से भी बड़ा स्कोर खड़ा करने की उम्मीद होगी। मुंबई इंडियन्स के खिलाफ पिछले मैच में उसके बल्लेबाजों ने लचर प्रदर्शन किया और महेला जयवर्धने की माँसपेशियों में खिंचाव ने उसकी पेरशानी और बढ़ा दी है।
श्रीलंका का यह बल्लेबाज डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ 9 मई को हुए मैच में लगी चोट के बाद पिछले मैच में नहीं खेला था। ब्रेट ली के टीम के साथ जुड़ने से पंजाब की टीम की गेंदबाजी में कुछ सुधार हुआ है लेकिन बाएँ हाथ के तेज गेंदबाजों यूसुफ अब्दुल्ला और इरफान पठान की मौजूदगी के बावजूद इसके आक्रमण में धार की कमी है।
एस. श्रीसंथ ने टीम को निराश किया है और दाएँ हाथ का यह तेज गेंदबाज तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट चटका पाया है जबकि वे काफी खर्चीले साबित हुए हैं।
सहवाग, गौतम गंभीर, डेविड वार्नर, एबी डिविलियर्स, तिलकरत्ने दिलशान और दिनेश कार्तिक की मौजूदगी में दिल्ली का मजबूत बल्लेबाजी क्रम किंग्स इलेवन के गेंदबाजों की एक बार फिर कड़ी परीक्षा लेगा।
गेंदबाजी विभाग में भी दिल्ली की टीम काफी संतुलित है और आशीष नेहरा तथा डर्क नैंस को युवा तेज गेंदबाज प्रदीप सांगवान और रजत भाटिया का काफी अच्छा सहयोग मिला है। अमित मिश्रा के रूप में दिल्ली के पास अच्छा स्पिनर भी मौजूद है, जो उसकी गेंदबाजी को धारदार बनाता है।
हालाँकि पिछले मैच में एडम गिलक्रिस्ट और एंड्रयू साइमंड्स ने जिस तरह से रन बटोरे वह सहवाग के लिए सिरदर्द बन सकता है।