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मास्टर ब्लास्टर सचिन हुए 36 वर्ष के

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हमें फॉलो करें सचिन तेंडुलकर
डरबन (वार्ता) , शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009 (22:04 IST)
गत दो दशकों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आसमान पर नक्षत्र की तरह चमक रहे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने 24 अप्रैल को उम्र के 37वें वर्ष में प्रवेश करने के बावजूद कहा कि वह अब भी 16 साल के किशोर की ही तरह क्रिकेट का लुत्फ उठाते हैं।

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इन दिनों इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टूर्नामेंट में मुंबई इंडियंस के कप्तान के तौर पर दक्षिण अफ्रीका में मौजूद सचिन ने साथी खिलाड़ियों के साथ अपना जन्मदिन केक काटकर मनाया। इस दौरान उनकी पत्नी अंजलि, दोनों बच्चे (सारा और अर्जुन) तथा भारतीय टीम के खिलाड़ी मौजूद थे।
इसके साथ ही करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों के लिए भगवान का दर्जा रखने वाले सचिन 36 वर्ष के हो गए।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं तो अब भी खुद को 16 साल का ही समझता हूँ। मेरे लिए लोगों की शुभकामनाएँ और दुआएँ काफी अहमियत रखती हैं। शायद इन दुआओं का ही असर है कि सचिन तमाम मुश्किलों से जूझने के बावजूद अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मजबूती से जमे हुए हैं।

मगर टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक रनों और शतकों विश्व रिकॉर्ड अपने पास रखने वाले सचिन की नजरों में इन रिकॉर्डों की तब तक कोई अहमियत नहीं होती, जब तक कि उससे टीम को जीत दिलाने में मदद न मिले।

अपने बेशुमार रिकॉर्डों के कारण अब सचिन 'रिकॉर्ड' तेंडुलकर कहे जाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड तोडने की तगह जीत हासिल करने के लिए खेलना जरूरी है। जीत का अहसास बहुत खास होता है और मेरे लिए यही चीज सबसे अधिक मायने रखती है।

हालाँकि उन्होंने किसी खिलाड़ी के करियर में रिकॉर्ड भी अहमियत देते हुए कहा कि इससे यह पता चलता है कि उस खिलाड़ी ने टीम की कामयाबी में अहम योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि आँकड़ों से खिलाड़ी के टीम को दिए गए योगदान का पता चलता है। आखिरकार यह एक टीम गेम है और निजी प्रदर्शन के बावजूद मैच जीतना अधिक महत्वपूर्ण है।

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