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...मोह नहीं तज पाए वॉर्न: बेरी

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डरबन (भाषा) , शनिवार, 16 मई 2009 (07:48 IST)
यह सचिन तेंडुलकर के खिलाफ खेलने का मोह ही था जो माँसपेशियों की चोट के कारण आईपीएल के बाकी मैचों से बाहर हुए राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न को मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैदान पर खींच लाया।

दोनों टीमों के बीच पिछला मैच बारिश के कारण नहीं हो सका था लिहाजा यह सचिन के खिलाफ खेलने का वॉर्न के लिए संभवत: आखिरी मौका था। राजस्थान रॉयल्स के कोचिंग निदेशक डेरेन बेरी ने कहा कि वॉर्न किसी भी सूरत में यह मौका खोना नहीं चाहते थे।

बेरी ने कहा कि फिजियो जेरेमी (स्नैप) और मैंने शेन को नहीं खेलने की सलाह दी थी, लेकिन सचिन तेंडुलकर की मुंबई इंडियंस के खिलाफ उन्हें खेलने से कोई नहीं रोक पाया।

उन्होंने आईपीएल की वेबसाइट पर कहा कि उनके पैर में पट्टियाँ थीं लेकिन उन्होंने कहा कि वे खेलेंगे और जब वे कहते हैं कि वे खेलेंगे तो हम क्या कह रहे हैं यह कुछ मायने नहीं रखता।

जीत में 'मैन ऑफ द मैच' वॉर्न की भूमिका की सराहना करते हुए बेरी ने यह रोमांचक मुकाबला जीतने के लिए अपनी टीम की जमकर तारीफ की।

बेरी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि वॉर्न सभी खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं। वे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से हैं। टीम उनका बहुत सम्मान करती है। वैसे यह जीत खिलाड़ियों के सामूहिक प्रयास का नतीजा थी। वे बेहतरीन कप्तान हैं और लड़के उन पर आँख मूँदकर भरोसा करते हैं।

इतने नजदीकी मुकाबलों के बारे में बेरी ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स ने कुछ बेहद करीबी मुकाबले खेले हैं। पिछले साल दो मैच हम आखिरी गेंद पर जीते थे। यह मुकाबला भी काँटे का था और खुशी की बात है कि हमने बाजी मारी। वॉर्न बनाम तेंडुलकर इससे बेहतर क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि आखिरी ओवर में शानदार गेंदबाजी का पूरा श्रेय मुनाफ पटेल को जाता है। उन्हें सिर्फ चार रन चाहिए थे और उनके तीन विकेट शेष थे। ऐसे में उन्होंने जीत दिलाई। तीन विकेट सिर्फ एक रन के भीतर गिर गए। आखिरी ओवर में सभी ने मुंबई इंडियंस पर दाँव लगाया होगा, लेकिन यह मुनाफ और राजस्थान रॉयल्स की यादगार जीत थी।

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