Punjab Kings beat KKR: जॉनी बेयरस्टो (नाबाद 108 रन) के शानदार शतक से पंजाब किंग्स ने शुक्रवार को यहां टी20 क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़े 262 रन के लक्ष्य का पीछा करने का विश्व रिकॉर्ड बनाकर कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को आठ विकेट से हरा दिया।
उमस भरी शाम में ईडन गार्डन्स पर छक्कों और चौकों की बारिश हो रही थी। पंजाब किंग्स के बल्लेबाजों ने 24 छक्कों से 262 रन का लक्ष्य 18.4 ओवर में हासिल कर लिया। बेयरस्टो ने 48 गेंद में नाबाद पारी खेली और उन्हें शशांक सिंह (28 गेंद में नाबाद 68 रन) का पूरा साथ मिला। प्रभसिमरन सिंह ने महज 20 गेंद में 54 रन जड़ दिए।
इससे पहले सुनील नारायण (71) और फिल साल्ट (75) की पहले विकेट के लिए तेज तर्रार साझेदारी की बदौलत केकेआर ने छह विकेट पर 261 रन बनाकर अपना दूसरा उच्चतम स्कोर बनाया। तब केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर को अंदाजा भी नहीं होगा कि आगे क्या होने वाला है।
प्रभसिमरन ने सपाट पिच पर केकेआर गेंदबाजों के खिलाफ धुनाई शुरू की जिससे बेयरस्टो को विस्फोटक पारी की तैयारी के लिए कुछ समय मिल गया। प्रभसिमरन के जाने के बाद रिले रोसाऊ ने 16 गेंद में 26 रन बनाए, जबकि फॉर्म में चल रहे शशांक ने 8 छक्के लगाए जो बेयरस्टो के नौ छक्कों से केवल एक कम था। मैच में 523 रन बने और 42 छक्कों का सर्वकालिक आईपीएल रिकॉर्ड भी बना।
लक्ष्य का पीछा करने के दोनों रिकॉर्ड केकेआर के खिलाफ 10 दिनों के अंतराल में और ईडन गार्डन्स में ही बने। 16 अप्रैल को केकेआर छह विकेट पर 223 रन के स्कोर का बचाव करने में असफल रहा था जिसमें इंग्लैंड के एक अन्य खिलाड़ी जोस बटलर ने 55 गेंदों में शतक बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी।
तब तक यह लक्ष्य का पीछा करने का आईपीएल का संयुक्त रिकॉर्ड था और दोनों ही राजस्थान रॉयल्स द्वारा किया गया। उसने पहले 2000 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ और फिर 2024 में केकेआर के खिलाफ ऐसा किया। इन दो हार ने इस सत्र में केकेआर की गेंदबाजी की दुर्दशा को भी उजागर किया है क्योंकि 24.75 करोड़ रुपये में खरीदे गए मिचेल स्टार्क उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रहे हैं।
वहीं पंजाब किंग्स के लिए यह जीत प्लेऑफ की उम्मीदों के लिए थोड़ी देर से मिली। यह नौ मैच में उसकी तीसरी जीत है जिससे टीम 10 टीम की तालिका में आठवें स्थान पर पहुंच गई। केकेआर के लिए यह 8 मैच में तीसरी हार थी, उसके 10 अंक हैं जिससे वह राजस्थान रॉयल्स के बाद दूसरे नंबर पर है।
प्रभसिमरन ने 18 गेंदों में पांच छक्कों और चार चौकों की मदद से अर्धशतक बनाकर पंजाब किंग्स को लक्ष्य का पीछा करने के लिए आदर्श शुरुआत दी। प्रभसिमरन ने हर्षित राणा की तीन गेंदों पर दो छक्के जड़े जिसके बाद दुष्मंता चमीरा के ओवर में 23 रन बने।
पांच गेंद में छह रन पर बेयरस्टो अपने छोर पर मूक दर्शक बने रहे और प्रभसिमरन चारों ओर रन जुटा रहे थे। प्रभसिमरन ने नारायण पर बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर छक्का जड़ा। इसके बाद बेयरस्टो ने हाथ खोलना शुरू किया और केकेआर के इम्पैक्ट खिलाड़ी अनुकूल रॉय के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए उनकी पांच गेंदों में तीन चौके और दो छक्के जड़ दिए।
इस मैच से पहले बेयरस्टो का इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 42 रन था। वह दो बार इकाई अंक के स्कोर पर आउट हुए और अपने पिछले दो मैच में केवल 96 रन ही बना पाए थे। लेकिन इंग्लैंड के 34 वर्षीय खिलाड़ी ने प्रभसिमरन की आक्रामक शुरुआत के बाद अकेले दम पर टीम को रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा कराने में मदद की। इससे पहले केकेआर ने अब तक का दूसरा 250 रन से अधिक का स्कोर बनाया। दोनों स्कोर इसी सत्र में बने हैं।
नारायण ने 32 गेंद में 71 रन की पारी के दौरान नौ चौके और चार छक्के लगाए। यह उनका सत्र का तीसरा अर्धशतक है। उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 85 और इससे पहले राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 109 रन बनाए थे। इस तरह नारायण आठ मैच में 357 रन बनाकर आरेंज कैप की दौड़ में दूसरे स्थान पर पहुंच गए। वह विराट कोहली (430 रन) से 73 रन पीछे हैं जिन्होंने एक मैच ज्यादा खेला है।
साल्ट भी आक्रामक खेल दिखाते हुए 37 गेंद में छह चौकों और छह छक्कों से 75 रन की पारी खेलकर सत्र में अपना तीसरा अर्धशतक जड़ा। नारायण ने अपना अर्धशतक सिर्फ 23 गेंद में पूरा कर लिया, वहीं साल्ट को यह इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए दो गेंद और ज्यादा लगीं। केकेआर की इस सलामी जोड़ी ने महज आठ ओवरों में 100 रन बना लिए।
इस तरह उन्होंने 19 अप्रैल को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मैच में लखनऊ सुपर जाइंट्स के केएल राहुल और क्विंटन डी कॉक के बीच 134 रन की साझेदारी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए पहले विकेट के लिए सत्र की सबसे बड़ी 138 रन की साझेदारी बनाई।
केकेआर ने 15 ओवर में दो विकेट 190 रन बना लिए थे और दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ बनाए गए अपने सात विकेट पर 272 रन के सर्वश्रेष्ठ स्कोर में सुधार करने की ओर बढ़ रही थी। लेकिन उनका मध्य और निचला क्रम इसका फायदा उठाने में नाकाम रहा। श्रेयस अय्यर ने 10 गेंद में 28 रन (एक चौका, तीन छक्के) बनाकर टीम को 260 रन तक पहुंचाने में मदद की।
नारायण और साल्ट 13 गेंद के अंदर आउट हो गए। आंद्रे रसेल को चौथे नंबर पर खिलाने की रणनीति आंशिक रूप कारगर हुई क्योंकि उन्होंने 200 के स्ट्राइक रेट से 12 गेंद में 24 रन बनाए। वेंकटेश अय्यर ने पारी की अंतिम गेंद पर रन आउट होने से पहले 23 गेंद में 39 रन बनाये जिसमें तीन चौके और दो छक्के शामिल थे। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala