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पंजाब vs RCB: कप्तानी की जंग में कौन है असली 'बॉस'? क्या पाटीदार रचेंगे इतिहास या अय्यर करेंगे डबल धमाका

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WD Sports Desk

, सोमवार, 2 जून 2025 (14:49 IST)
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का रोमांच अपने चरम पर है और इस बार फाइनल में पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच होने वाली टक्कर ने क्रिकेट प्रेमियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। दोनों ही टीमों ने इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया है और इसकी एक बड़ी वजह उनके युवा कप्तान, पंजाब किंग्स के श्रेयस अय्यर और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के रजत पाटीदार, रहे हैं। आइए, इन दोनों कप्तानों की उनके प्रदर्शन, कप्तानी शैली, रवैये और चुनौतियों पर एक विस्तृत तुलना करते हैं।
कप्तानी शैली: रणनीति और नेतृत्व
  • श्रेयस अय्यर (पंजाब किंग्स): श्रेयस अय्यर आईपीएल में एक अनुभवी कप्तान हैं। उन्होंने पहले दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स को भी फाइनल तक पहुंचाया है और 2024 में केकेआर को चैंपियन भी बनाया था। उनकी कप्तानी शैली काफी शांत और रणनीतिक मानी जाती है। वह दबाव में भी संयम बनाए रखते हैं और खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ निकलवाने में माहिर हैं। पंजाब को फाइनल तक पहुंचाने में उनकी नेतृत्व क्षमता का बड़ा हाथ रहा है। वह मैच के दौरान फील्ड प्लेसमेंट और गेंदबाजी परिवर्तनों में अपनी सूझबूझ दिखाते हैं। मुंबई इंडियंस के खिलाफ क्वालीफायर-2 में उनकी शांत और सटीक रणनीति ने टीम को जीत दिलाई।
  • रजत पाटीदार (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु): रजत पाटीदार के लिए यह पहला आईपीएल सीजन है जिसमें उन्होंने टीम की कमान संभाली है। आरसीबी ने उन्हें कप्तान बनाकर कई लोगों को चौंकाया था। हालांकि, उन्होंने अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित किया है। दिनेश कार्तिक जैसे सीनियर खिलाड़ी ने भी पाटीदार की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा है कि कप्तान बनने के बाद भी उनका स्वभाव नहीं बदला है। पाटीदार का नेतृत्व शांत और संयमित माना जाता है। वह मैदान पर ज्यादा बोलने वाले नहीं दिखते, लेकिन टीम के खिलाड़ियों का पूरा ख्याल रखते हैं। उनकी दृढ़ता और आत्मविश्वास टीम में जोश भरता है। वह अपनी रणनीति पर अडिग रहते हैं, जैसा कि आरसीबी के मुख्य कोच एंडी फ्लावर ने भी बताया है। अपनी कप्तानी में मध्य प्रदेश को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंचा चुके पाटीदार ने इस सीजन में भी आरसीबी को फाइनल में पहुंचाया है।

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व्यक्तिगत प्रदर्शन: बल्ले से धूम
  • श्रेयस अय्यर (पंजाब किंग्स): इस सीजन में श्रेयस अय्यर का बल्ला खूब चला है। उन्होंने 16 मैचों में 54.82 की औसत और शानदार स्ट्राइक रेट से कुल 603 रन बनाए हैं, जिसमें 6 अर्धशतक शामिल हैं। वह अपनी टीम के लिए एक मुख्य रन-स्कोरर रहे हैं और कई मैचों में उन्होंने अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ क्वालीफायर-2 में उनकी नाबाद 87 रन की पारी एक मैच विनिंग पारी थी। वह दबाव में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और टीम को संकट से निकालने में सक्षम हैं।
  • रजत पाटीदार (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु): रजत पाटीदार ने भी बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया है, खासकर स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ। उन्होंने इस सीजन में स्पिन के खिलाफ 224.69 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैंऔर टीम के लिए संकटमोचक साबित हुए हैं। हालांकि, चोट के कारण वह कुछ मैचों में इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर भी खेले हैं। 
 
रवैया: शांत और संयमित
  • श्रेयस अय्यर (पंजाब किंग्स): श्रेयस अय्यर का रवैया मैदान पर काफी शांत और आत्मविश्वास से भरा रहता है। वह मुश्किल परिस्थितियों में भी संयम नहीं खोते और टीम को एकजुट रखते हैं। हार के बाद भी वह प्रेरणादायक बयान देते हैं, जैसा कि क्वालीफायर-1 में आरसीबी से हारने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्होंने लड़ाई हारी है, युद्ध नहीं। यह दर्शाता है कि उनका ध्यान बड़े लक्ष्य पर केंद्रित रहता है।
  • रजत पाटीदार (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु): रजत पाटीदार का रवैया भी काफी शांत और सहज है। दिनेश कार्तिक के अनुसार, कप्तान बनने के बाद भी उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है। वह विनम्र और जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं। उनका यह शांत स्वभाव आईपीएल जैसे बड़े मंच पर दबाव को संभालने में मदद करता है।
 
पार की गई बाधाएं: चुनौतियों का सामना
  • श्रेयस अय्यर (पंजाब किंग्स): श्रेयस अय्यर के लिए इस सीजन में कई चुनौतियां थीं। पंजाब किंग्स की टीम पिछले कई सीजन से संघर्ष कर रही थी और उन्हें फाइनल तक पहुंचाना एक बड़ी उपलब्धि है। टीम में कई नए खिलाड़ी थे और उन्हें एकजुट करके प्रदर्शन करवाना श्रेयस की बड़ी चुनौती थी। इसके अलावा, क्वालीफायर-1 में आरसीबी से मिली हार के बाद टीम को वापसी कर मुंबई जैसी मजबूत टीम को हराना उनके नेतृत्व की परीक्षा थी, जिसमें वह सफल रहे।
  • रजत पाटीदार (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु): रजत पाटीदार के लिए आरसीबी की कप्तानी एक नई चुनौती थी, क्योंकि वह पहली बार इतनी बड़ी लीग में किसी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आरसीबी ने सीजन की शुरुआत में मैच हारे थे, जिससे टीम पर काफी दबाव था। इस मुश्किल दौर से टीम को बाहर निकालना और लगातार मैच जीतकर प्लेऑफ में जगह बनाना पाटीदार और उनकी टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। चोट के कारण कुछ मैचों में इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर खेलने से भी उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
 
श्रेयस अय्यर और रजत पाटीदार दोनों ने ही अपनी-अपनी टीमों को आईपीएल 2025 के फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। अय्यर एक अनुभवी कप्तान हैं जिन्होंने पहले भी अपनी टीमों को फाइनल तक पहुंचाया है और खिताब जीता है। उनका शांत स्वभाव और रणनीतिक सोच पंजाब किंग्स के लिए फायदेमंद रही है। वहीं, रजत पाटीदार ने अपनी पहली कप्तानी में ही शानदार प्रदर्शन किया है। उनका शांत और सहज रवैया, साथ ही बल्ले से महत्वपूर्ण पारियां, आरसीबी के लिए गेम चेंजर साबित हुई हैं।
 
फाइनल में इन दोनों कप्तानों के बीच एक रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा, जहां एक अनुभवी कप्तान अपने लगातार दूसरे आईपीएल खिताब की तलाश में होगा, तो दूसरा अपनी पहली ट्रॉफी पर कब्जा जमाने की कोशिश करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा कप्तान दबाव को बेहतर तरीके से संभाल कर अपनी टीम को जीत दिला पाता है।

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