Bengaluru Stampede : मुझे नहीं पता कि मेरी गलती क्या है ? हमारे पास टिकट थे , आरसीबी के एक समर्थक ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर यह बात कही जो आईपीएल में टीम की जीत के जश्न को देखने आया था लेकिन भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत के बाद का मातम देखकर स्तब्ध था।
इसके अलावा 33 चोटिल प्रशंसकों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
आनन फानन में आयोजित इस कार्यक्रम के टिकट भी हड़बड़ी में बेचे गए। मुख्य द्वार नंबर 12 और 13 के अलावा क्लब हाउस प्रवेश द्वार नंबर 10 पर भी भारी भीड़ जमा हो गई जिन पर नियंत्रण के लिये पर्याप्त सुरक्षाबल नहीं था।
दोपहर साढे तीन बजे तक प्रशंसकों की संख्या कई गुना बढ गई जिससे पुलिस और स्टेडियम के सुरक्षा अधिकारियों को सारे दरवाजे बंद करने पड़े ताकि वे लोग भीतर नहीं आ सकें जिनके पास टिकट नहीं था।
अपने दोस्तों के साथ आये पोस्ट ग्रेजुएट छात्र प्रशांत शेट्टी ने कहा , हम अपने सितारों को देखने आये थे। मैने समारोह के टिकट लिये थे लेकिन भीतर नहीं जा सका। पुलिस ने अचानक सारे रास्ते और दरवाजे बंद कर दिये और मुख्य द्वार के पास लाठीचार्ज शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा , मुझे नहीं पता कि हमारी क्या गलती थी। हमें समारोह का न्यौता मिला था , हमने टिकट खरीदे थे लेकिन मार और गालियां खाई। हमारे जैसे प्रशंसकों के लिये भयावह दिन।
करीब साढे चार बजे कुबोन पार्क मेट्रो स्टेशन से और भीड़ आ गई जिससे पुलिस को हल्का बलप्रयोग करना पड़ा।
गेट नंबर दस पर बच्चे और महिला भगदड़ का शिकार हुए और पुलिस ने इस रिपोर्टर पर भी लाठी चलाई और स्थानीय भाषा में अपशब्द कहे।
दूर से भी महिलाओं को बेहोश होकर गिरते देखना और प्रशंसकों को एक दूसरे को कुचलकर भागते देखना दुखद था। स्टेडियम के भीतर कार्यक्रम एक घंटे तक चला और टीम साढे छह बजे वापिस लौट गई लेकिन प्रशंसक स्टेडियम के पास ही रहे जिससे ट्राफिक जाम हो गया और अफरा तफरी फैलती रही। (भाषा)