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नीलामी के लिए धोनी-गिलक्रिस्ट की माँग

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की बहुचर्चित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए खिलाड़ियों की नीलामी में भारत की एकदिवसीय टीम के कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी तथा ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट डिमांड सूची में सबसे ऊपर हैं।

आईपीएल के 18 अप्रैल से शुरू होने वाले ट्वेंटी-20 के टूर्नामेंट के मद्देनजर ये दोनों धुआँधार बल्लेबाज नीलामी में शामिल होने वाली सभी टीमों की पहली पसंद हैं।

धोनी की बोली 4 लाख डॉलर पर लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है जो भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और युवराजसिंह को मिलने वाली धनराशि से बहुत कम नहीं है लेकिन ये चारों दिग्गज खिलाड़ी इस नीलामी में शामिल नहीं किए जाएँगे।

लीग का नियम कहता है कि ये चारों खिलाड़ी अपने शहर स्थित फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व करेंगे। सचिन मुम्बई टीम के लिए, गांगुली कोलकाता के लिए, युवराज चंडीगढ़ के लिए और द्रविड़ बेंगलुरू के लिए होंगे। इन्हें अपनी टीम में सबसे ज्यादा बोली पाने वाले खिलाड़ी से 15 प्रतिशत धनराशि अधिक मिलेगी।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अगले माह अलविदा कहने जा रहे ऑस्ट्रेलिया के खब्बू बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट की बोली अपने कप्तान रिकी पोंटिंग (तीन लाख 50 हजार डॉलर), से कम दो लाख 75 हजार डॉलर पर लगने की उम्मीद जाहिर की जा रही है, मगर अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शैली की वजह से वह भी बोली लगाने वालों की आँखों का तारे बने हुए हैं।

बेशुमार दौलत से भरपूर आईपीएल टूर्नामेंट के लिए नीलामी प्रक्रिया में 80 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की बोली लगाए जाने की संभावना है। बोली में शामिल होने वाला हर पक्ष अपनी टीम में बड़े खिलाड़ियों को देखना चाहता है।

इस समय ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की माँग सबसे ज्यादा है लेकिन फ्रेंचाइजी टीमें उनकी उपलब्धता और इस सिलसिले में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के नियमों को भी ध्यान में रखकर कदम उठाएँगी।

ऑस्ट्रेलिया को मार्च-अप्रैल में पाकिस्तान का दौरा करना है, जिसका इस आईपीएल टूर्नामेंट से टकराव हो रहा है लेकिन पाकिस्तान में सुरक्षा चिन्ता के चलते ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे पर शंका के बादल मँडरा रहे हैं।

टीमों का मानना है कि वे उस खिलाड़ी के लिए ज्यादा पैसा नहीं लगाएँगी जो कि केवल टूर्नामेंट के 20 प्रतिशत हिस्से के लिए ही उपलब्ध हो1 टीमें चाहती हैं कि वे जो खिलाड़ी चुनें वे लम्बे समय तक उनके साथ रहें।

इनके साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के खिलाड़ियों की माँग भी ज्यादा बताई जा रही है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के अलावा ये दोनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मजबूत टीमें हैं।

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