पंजाब क्रिकेट संघ को मोहाली स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग समेत विभिन्न क्रिकेट मैचों के आयोजन के लिए दी गई मुफ्त सुरक्षा और मनोरंजन कर में छूट पर पंजाब सरकार पुनर्विचार करेगी।
मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल ने वाडिया, एसएसपी विवाद और पीसीए द्वारा मोहाली पुलिस की ओर से भेजे गए एक करोड़ 88 लाख रुपए के बिल के भुगतान से इंकार के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह बात कही।
पीसीए ने यह कहकर पुलिस को भुगतान से इंकार कर दिया कि वह सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है और लाभ कमाने वाला संगठन नहीं है।
इससे पहले बादल ने कहा था कि सामाजिक राजनीतिक और खेल समारोहों की सुरक्षा व्यवस्था राज्य सरकार का दायित्व है। किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया और मोहाली के एसएसपी आर एस खटरा के बीच विवाद के बारे में उन्होंने कहा इसे सुलझा लिया गया है।
मीडिया ने जब इस बात पर जोर दिया कि मुंबई कोलकाता और चेन्नई समेत विभिन्न आयोजन स्थलों पर आईपीएल के मैचों की सुरक्षा के लिए पुलिस को भुगतान किया जा रहा है बादल ने कहा कि वह इस मसले पर पुनर्विचार करेंगे।
कुछ पत्रकारों ने कहा कि पीसीए से पैसा लिया जाना चाहिए क्योंकि वह शराब बेचने समेत कई गतिविधियों के जरिये भारी कमाई कर रहा है। इस पर बादल ने कहा मैं मुफ्त सुरक्षा और कर राहत के मसले पर पुनर्विचार करूँगा। मीडिया ने जब रजामंदी दे दी है तो उनसे शुल्क लिया जाएगा।
वाडिया ने मोहाली के एसएसपी और उनके पुलिसकर्मियों पर शराब और टी-शर्ट चुराने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने आईपीएल मैचों के दौरान पीसीए स्टेडियम की सुरक्षा के लिये एक करोड़ 88 लाख रुपए का बिल पीसीए को थमा दिया।
पीसीए प्रमुख आई एस बिंद्रा ने कहा मैं हर किसी को साफ तौर पर बताना चाहता हूँ कि हम लाभ कमाने वाली इकाई नहीं है। यही वजह है कि हमें आयकर और मनोरंजन कर की छूट मिलती है।
उन्होंने कहा हम कुछ मदों के लिए हमेशा भुगतान करते आए हैं। हम पुलिस कल्याण कोष में पैसा देते हैं और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को मुफ्त खाना भी देते हैं।
उधर एसएसपी ने स्थानीय उपायुक्त के पास वाडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वाडिया ने पुलिस पर आरोप लगाकर उनका अपमान किया है। मोहाली के पुलिस उपायुक्त राहुल भंडारी ने यह शिकायत राज्य के गृह सचिव के पास भेज दी है।