दिल्ली डेयरडेविल्स अपने मैदान फिरोजशाह कोटला में पंजाब किंग्स इलेवन के हाथों वर्षा प्रभावित मुकाबले में मात खाने के बाद आईपीएल टूर्नामेंट में 'करो या मरो' की स्थिति में फँस गए हैं।
दिल्ली के लिए सोमवार को यहाँ एम. चेन्नास्वामी स्टेडियम में बेंगलोर रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ होने वाला मैच बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। इस मैच को जीतने की स्थिति दिल्ली की सेमीफाइनल में पहुँचने की उम्मीदें बनी रह सकती हैं लेकिन हारने की सूरत में उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
दिल्ली के इस समय 11 मैचों में पाँच जीत और छह हार के साथ दस अंक हैं तथा वह अंक तालिका में राजस्थान, पंजाब, चेन्नई और मुंबई की टीमों के बाद पाँचवें स्थान पर है। बेंगलोर टीम दस मैचों में आठ हारकर चार अंकों के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे है और सेमीफाइनल की होड़ से लगभग बाहर हो चुकी है।
इस मैच में बेंगलोर से ज्यादा दिल्ली की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी हुई है। इस मैच को जीतने या हारने की स्थिति में बेंगलोर के लिए ज्यादा कुछ बदलने वाला नहीं है लेकिन दिल्ली के लिए हार के बाद उसकी स्थिति विकट हो सकती है। दिल्ली के इस मैच के बाद सिर्फ दो लीग मैच बच जाएँगे और तब उसे सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए दोनों मैच जीतने पड़ेंगे। दिल्ली के अपने आखिरी दो मुकाबले कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियन्स से होंगे।
डेयरडेविल्स के लिए आखिरी मैचों में अगर मगर के चक्कर में फँसने से बेहतर यह होगा कि वह आत्मविश्वास खो चुकी बेंगलोर टीम के खिलाफ जीत दर्ज कर सेमीफाइनल के लिए अपना रास्ता साफ करे, लेकिन इसके लिए जरूरी होगा कि कप्तान वीरेन्द्र सहवाग अपनी रणनीतियों को चतुराई के साथ अंजाम दें।
पंजाब के खिलाफ शनिवार को फिरोजशाह कोटला में दिल्ली की हार का प्रमुख कारण यही रहा था कि सहवाग ने अपने गेंदबाजों को सही समय पर इस्तेमाल करने में गलती की। सहवाग को यह मालूम था कि इस मैच में वर्षा बार-बार बाधा डाल रही है और डकवर्थ-लुईस नियम की लगातार गणना चल रही है। बावजूद इसके उन्होंने पंजाब की पारी के मध्य में खुद एक ओवर डाला और उसमें 22 रन लुटाकर टीम की लुटिया डुबो दी। यदि यही एक ओवर अच्छा गया होता तो मैच का अंतिम परिणाम दिल्ली के पक्ष में हो सकता था।
सहवाग ने मैच के बाद खुद भी स्वीकार किया कि उनका यह ओवर टीम के लिए भारी साबित हुआ। बेंगलोर के खिलाफ मुकाबले के लिए सहवाग ने कहा किबेशक यह टीम आठ मैच हार चुकी है लेकिन इसे कमजोर नहीं कहा जा सकता। अपने मैदान पर यह उलटफेर भी कर सकती है। हम इसके खिलाफ जीत का लक्ष्य सामने रखते हुए मैदान में उतरेंगे। वैसे भी अब सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए हमें अपने शेष तीनों मैच जीतने हैं।
बेंगलोर की टीम शनिवार को राजस्थान रॉयल्स से 65 रन से हार गई थी, लेकिन कप्तान राहुल द्रविड़ ने नाबाद 75 रन ठोककर कम से कम दिल्ली को आगामी खतरे का संकेत दे दिया है।
बेंगलोर टीम के अन्य खिलाडी यदि अपने कप्तान के इस प्रदर्शन से प्रेरणा ले लेते हैं तो वे निश्चित ही दिल्ली के सामने मुश्किलों की दीवार खडी कर सकते हैं। बेंगलोर के लिए वैसे भी आईपीएल टूर्नामेंट के बचे हुए चार मैच उसके आत्मसम्मान की लड़ाई बन चुके हैं। द्रविड़ चाहेंगे कि उनकी टीम शेष चार मैच जीते और रायल चैलेंजर्स पर लग चुका टेस्ट टीम का ठप्पा धो डाले।