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राजस्थान रॉयल्स की शाही जीत

शेन की सेना अब खिताब से एक कदम दूर

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मुंबई (भाषा) , शनिवार, 31 मई 2008 (10:53 IST)
शेन वॉटसन के ऑलराउंड प्रदर्शन, शेन वॉर्न की कुशल कप्तानी और कलइयों की जादूगरी तथा बेहतरीन क्षेत्ररक्षण के बलबूते पर राजस्थान रॉयल्स ने अपना हैरतअंगेज प्रदर्शन जारी रखते हुए शुक्रवार को दिल्ली डेयरडेविल्स को एकतरफा मैच में 105 रन से करारी शिकस्त देकर इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल में जगह बनाई। शेन की सेना अब खिताब से फकत एक कदम दूर है।

रॉयल्स की टीम जब थोड़े अंतराल में तीन विकेट गँवाकर संकट में दिख रही थी, तब आईपीएल में चौथी बार 'मैन ऑफ द मैच' बने शेन वॉटसन ने 29 गेंद पर 52 रन की तूफानी पारी खेली। उनके अलावा यूसुफ पठान (21 गेंद पर 45 रन) और स्वप्निल असनोदकर (21 गेंद पर 39 रन) ने भी तूफानी तेवर दिखाए, जिससे राजस्थान रॉयल्स ने नौ विकेट पर 192 रन बनाए।

वॉटसन ने इसके बाद गेंदबाजी में कमाल दिखाया तथा दिल्ली डेयरडेविल्स के चोटी के तीन मुख्य बल्लेबाजों को केवल दस रन देकर अपने पहले तीन ओवर में आउट कर दिया। डेयरडेविल्स उनके इन झटकों से उबर नहीं पाई और उनकी पूरी टीम 16.2 ओवर में 87 रन पर ढेर हो गई। मुनाफ पटेल ने भी 17 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि दिल्ली की तरफ से तिलकरत्ने दिलशान ने सर्वाधिक 33 रन बनाए।

वॉर्न की अगुवाई में रॉयल्स की टीम लीग चरण में भी 14 में से 11 मैच जीतकर अंक तालिका में शीर्ष पर रही थी और आज उसने फिर से दिखा दिया कि चेन्नई सुपर किंग्स या किंग्स इलेवन पंजाब के बीच कल होने वाले दूसरे सेमीफाइनल से जो भी टीम फाइनल में पहुँचेगी उसके लिए उसे रोकना बहुत मुश्किल होगा।

डेयरडेविल्स की इस हार के लिए उसकी बल्लेबाजी और कुछ हद तक लचर क्षेत्ररक्षण भी जिम्मेदार रहा। इसके अलावा उसके गेंदबाज नियमित अंतराल में विकेट लेने के बावजूद वॉटसन और पठान पर अंकुश नहीं लगा पाए। वॉटसन ने अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के जबकि पठान ने तीन चौके और चार छक्के जमाए।

माहरूफ ने रॉयल्स के पहले तीन बल्लेबाज आउट करके डेयरडेविल्स को मैच पर पकड़ बनाने का मौका दिया था, लेकिन वह उसका फायदा नहीं उठा पाया। बल्लेबाजों ने तो सबसे अधिक निराश किया तथा शीर्ष की असफलता के बाद मध्यक्रम फिर से अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया।

वॉटसन ने अपने पहले तीन ओवर में दिल्ली की बल्लेबाजी त्रिमूर्ति वीरेंद्र सहवाग (3), गौतम गंभीर (11) और शिखर धवन (5) को पैवेलियन भेजकर डेयरडेविल्स को हिलाकर रख दिया। सहवाग ने शॉर्ट पिच गेंद पर पुल करके सोहेल तनवीर को कैच दिया।

अब आशाएँ गंभीर पर टिकी थीं, जो टूर्नामेंट अब तक 500 से अधिक रन बना चुके हैं, लेकिन ग्रीम स्मिथ की जगह क्षेत्ररक्षण कर रहे तुरुवर कोहली ने प्वाइंट में डाइव लगाकर उनके करारे शॉट को कैच में तब्दील करके रॉयल्स को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई।

दिल्ली की तरफ से अब तक अच्छी पारियाँ खेलने वाले धवन की बारी थी, जिन्होंने वॉटसन की गेंद को पुल करके मिडविकेट पर रविंदर जडेजा को सीधा कैच थमाया। डेयरडेविल्स की परेशानी यहीं पर नहीं थमी। विकेटों का पतझड़ जारी रहा।

मनोज तिवारी ने भी अपने कप्तान की गलती दोहरायी और मुनाफ की गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर असनोदकर के पास पहुँच गई। दिनेश कार्तिक (10) ने सिद्धार्थ त्रिवेदी की गेंद जब मोहम्मद कैफ की तरफ उछाली तो उन्होंने आगे गिरते हुए उसे कैच में बदल दिया।

इस कत्लेआम में वॉर्न भले कहाँ पीछे रहने वाले थे। उन्होंने माहरूफ और दिलशान को अपने एक ओवर में पैवेलियन भेजा। मुनाफ ने अगले दो विकेट लिए जबकि मोहम्मद आसिफ के रन आउट होते ही डेयरडेविल्स के लिए दर्दनाक कहानी का अंत हुआ।

इससे पहले टॉस गँवाने के बाद बल्लेबाजी के उतरी रॉयल्स के पहले तीन ओवर में 15 रन बनाए लेकिन इसके बाद ग्रीम स्मिथ (25) और स्वप्निल असनोदकर (39) गेंदबाजों पर हावी हो गए। असनोदकर ने मोहम्मद आसिफ के एक ओवर में तीन चौके जमाये जबकि स्मिथ ने अगले ओवर में ग्लेन मैकग्रा की लगातार तीन गेंदों को सीमा रेखा पार पहुँचाया। यो महेश जब गेंदबाजी पर आए तो असनोदकर ने उन पर दो चौके और एक छक्का जमाया।

माहरूफ ने अगले ओवर में दोनों सलामी बल्लेबाजों को पैवेलियन भेजकर पिछले ओवर में छोड़े गए असनोदकर के कैच की भरपाई कर दी। स्मिथ ने उनकी गेंद पर छह रन के लिए भेजने की कोशिश की लेकिन स्क्वेयर लेग पर धवन ने बेजोड़ कैच लेकर उनकी पारी का अंत किया जिसमें पाँच चौके शामिल हैं।

इसके दो गेंद बाद असनोदकर भी अपने कट पर नियंत्रण नहीं कर पाए और प्वाइंट पर मनोज तिवारी को आसान कैच देकर पवेलियन लौटे। उन्होंने 21 गेंद का सामना किया जिसमें पाँच चौके और एक छक्का शामिल है। माहरूफ ने अपने अगले ओवर में पिंच हिटर के तौर पर उतरे सोहेल तनवीर (5) को आउट किया।

वॉटसन ने टीम को इस स्थिति से उबारने का बीड़ा उठाया। उन्होंने 11वें ओवर में यो महेश पर डीप स्क्वायर लेग और डीप मिडविकेट पर लगातार छक्के जमाकर टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचाया।

कैफ (12) ने अमित मिश्रा के अगले ओवर में गेंद छह रन के लिए भेजी लेकिन एक्रॉस द लाइन खेलने के कारण इसी ओवर में बोल्ड हो गए। वॉटसन को 48 रन पर जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए और अगले ओवर में मिश्रा की गेंद पर आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में स्टंप आउट हो गए। मिश्रा के इस ओवर में इससे पहले हालाँकि पठान ने लांग ऑन और मिडविकेट पर लगातार दो छक्के जमाए।

पठान ने इसके बाद भी दूसरे छोर से नियमित विकेट गिरते रहने के बावजूद अपना कत्लेआम जारी रखा। उन्होंने अंतिम ओवर में रन आउट होने से पहले महेश और महरूफ की गेंद छह रन के लिए भेजने के बाद मैग्राथ के एक ओवर में दो चौके और मिडविकेट पर छक्का जमाया। माहरूफ के अलावा दिल्ली की तरफ से यो महेश और मिश्रा ने दो-दो विकेट लिए।

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