'सादा जीवन उच्च विचार' - हजरत मोहम्मद
हजरत मोहम्मद और सच्ची बेटी की कहानी
हजरत मोहम्मद अपनी बेटी फातिमा को बहुत प्यार करते थे। उसके बिना उनका दिन कटना भी मुश्किल होता था, क्योंकि वह भी अपने पिता को बहुत चाहती थी।
एक दिन वे अपनी बेटी फातिमा से मिलने उसके घर गए। वहां जाकर उन्होंने देखा कि उनकी तो बेटी ने अपने हाथों में चांदी के मोटे-मोटे कंगन पहन रखे हैं और दरवाजों पर रेशमी परदे लहरा रहे हैं। इतना ही नहीं, अपनी बेटी के घर में उन्होंने हर तरह की विलासिता की वस्तु देखी।