Navratri

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कंप्यूटर गेम : फायदे से अधिक नुकसान

बच्चों में बढ़ती पी.सी. गेम्स की लोकप्रियता

Advertiesment
हमें फॉलो करें आईटी
- प्रियंका पांडेय पाडलीक

ND
SUNDAY MAGAZINE
हाल ही में दुनिया में धूम मचा चुकी हॉलीवुड की जेम्स कैमरून की थ्री-डी एनिमेशन फिल्म 'अवतार' की तर्ज पर इस फिल्म का कंप्यूटर गेम 'अवतार : द गेम' लॉन्च किया गया। 'अवतार : द गेम' यानी पंडोरा ग्रह की खूबसूरत दुनिया, प्रकृति के नायाब नजारे, नावियों (पंडोरा ग्रह के निवासियों) और मनुष्यों की लड़ाई, बेहतरीन स्टोरी लाइन, खूबसूरत पिक्चराइजेशन लेकिन फिल्म की सफलता की अपेक्षा इस गेम को उतना तवज्जो नहीं मिल पाया।

हॉलीवुड में फिल्मों के साथ उनके वीडियो व पी.सी. गेम्स की लॉन्चिंग की लोकप्रियता से अब हमारा देश भी अछूता नहीं है। शायद यही वजह है कि फिल्म की सफलता के साथ बाजार में गेम्स उतारने का फार्मूला (मसलन, पिछले साल फिल्म 'गजनी' की तर्ज पर उतारा गया पी.सी गेम) भारतीय निर्माताओं को भी खूब भा रहा है। वजह है बच्चों व युवाओं की पी.सी. गेम्स व ऑनलाइन गेम्स में बढ़ती हुई दिलचस्पी। शायद यही वजह है कि एक आँकड़े के अनुसार वर्ष 2005 में भारत में पी.सी गेम्स व वीडियो गेम्स (मोबाइल गेम्स छोड़कर) का बाजार 5 करोड़ डॉलर का रहा।

बच्चों में एक्शन गेम्स और ऑनलाइन गेमिंग को लेकर दीवानगी आज इतनी बढ़ चुकी है कि अभिभावकों को कई बार अपने बच्चों के बदलते व्यवहार को लेकर मनोचिकित्सकों तक का सहारा लेना पड़ जाता है। इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख का मानना है कि कंप्यूटर गेम्स का बच्चों के विकास पर सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। जरूरी है कि बच्चों को कोई भी वीडियो गेम या कंप्यूटर गेम पकड़ाने से पहले अभिभावक यह सुनिश्चित कर लें कि उनके बच्चों की उम्र के हिसाब से किस प्रकार के गेम्स उनके लिए उचित होंगे।

webdunia
ND
SUNDAY MAGAZINE
ऐसा नहीं है कि कंप्यूटर गेम्स से सिर्फ नुकसान ही नुकसान है। इसके फायदे भी हैं। चिकित्सकों का मानना है कि वीडियो गेम्स या पी.सी. गेम्स बच्चों में ध्यान केंद्रित करने, मनोबल बढ़ाने, हाथ और आंख के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने, तार्किक प्रश्नों के समाधान और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रति रुझान बढ़ाने आदि कई सकारात्मक पहलू को भी बढ़ावा देते हैं। एक सीमा तक इन गेम्स को खेलने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि ये भी एक प्रकार का मानसिक व्यायाम ही है।

हाँ, अगर ये शौक आदत या लत में तब्दील हो जाए तो इसके सकारात्मक पहलुओं पर नकारात्मक प्रभाव हावी हो जाते हैं। कई बार जरूरत से ज्यादा पी.सी. गेम्स खेलने से बाल मस्तिष्क पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बारे में डॉ. समीर का मानना है, 'इनसे न सिर्फ बच्चों बल्कि युवाओं को भी भावनात्मक असंतुलन, व्यवहार संबंधी परेशानियां, बोलने में कठिनाई, आक्रामकता जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

खासतौर से हिसंक पी.सी. गेम्स खेलने से बच्चे का व्यवहार बहुत अधिक आक्रामक हो सकता है।' इसके अलावा एक समस्या यह भी है कि यह लत व्यक्तियों को समाज से इतना अलग कर देती है कि आगे चलकर उनमें अकेलेपन, रिश्तों के प्रति उदासीनता व तनाव जैसे मानसिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। यही वजह है कि इनसे प्रभावित होकर अपराध करने की प्रवृत्ति के मामलों में भी पिछले कई सालों में काफी वृद्धि हुई है। एक अमेरिकी संस्था द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में लोगों के कंप्यूटर गेम्स के प्रति बढ़ते रुझान के कारणों का पता लगाया गया।

सर्वेक्षण में शामिल किए गए बच्चों से वीडियो व पी.सी. गेम्स खेलने का कारण पूछा गया तो कई प्रतिभागियों ने माना कि उन्हें काफी मजा आता है। इसके अलावा कुछ कारण थे- सब कुछ अपने नियंत्रण में रखने की आजादी होती है, तनाव से राहत मिलती है, बोरियत दूर होती है, पारंगत होने का भाव आता है, मनोबल बढ़ता है, शक्तिशाली होने का अहसास होता है आदि। इन भावों के आधार पर ही भविष्य में इनके परिणामों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi