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ब्लॉग एक डायरी के तौर पर शुरू हुआ था। इसमें टेक्स्ट, फोटो, ऑडियो और यहाँ तक कि वीडियो भी लोड किए जा सकते हैं। ब्लॉगिंग के लिए विषयों की कोई कमी नहीं है। इसमें कहानी, कविता, लेख, विचार, गणित, तकनीकी, बीमारी और उसके इलाज, रिपोर्ताज, संगीत, कला, फैशन, फिल्म, धर्म, दर्शन, राजनीति, विज्ञान, अर्थशास्त्र यहाँ तक कि चुटकुले और पहेली जैसी लोक विधा भी आपको प्रचुर मात्रा में मिल जाएगी तो अमिताभ बच्चन जैसे लोग उसका इस्तेमाल एक डायरी के तौर पर भी करते हैं। इसमें कई गंभीर लोग भी काम कर रहे हैं।

कोई हमारे पौराणिक ग्रंथों का अनुवाद कर ब्लॉग पर डाल रहे हैं तो कोई डार्विन और चार्ली चैप्लिन की आत्मकथाएँ। जितने दिमाग, उतने विचार... तो लीजिए, डिजिटल साहित्य का खजाना खुल गया। इसी तर्ज पर विभिन्न विषयों पर ई-मैग्जिन की भी बाढ़-सी आ गई है। आप सिर्फ सोचें... और खोजें... वह पहले से ही मौजूद होगी, यदि नहीं मिले तो आप ही पहल कर लें।

और सबसे हाल की बहुत लोकप्रिय और बहुत विवादित तकनीक सोशल नेटवर्किंग साइट्स... जिसका सबसे ज्यादा जाना-पहचाना नाम है ट्विटर, ऑरकुट, बज, फेसबुक आदि-आदि...। दुनिया भर में सैकड़ों तरह की एसएनएस काम कर रही हैं। इनमें भी अलग-अलग विषयों पर दुनिया भर में बैठे लाइक-माइंडेड लोग जुड़ते हैं और एक-दूसरे से संवाद करते हैं। 1997 में सिक्स डिग्रीज डॉट कॉम के नाम से अस्तित्व में आई एसएनएस के बाद इस दिशा में बाढ़-सी आ गई है।

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आप इन पर अपने ब्लॉग के लिंक, फोटो, वीडियो, पेज, ऑडियो सब कुछ लोड कर सकते हैं। यहाँ लिखने के लिए शब्दों की सीमा है लेकिन लिंक के लिए कोई सीमा नहीं है। यहाँ भी संवाद की गुंजाइश है, विचार और सृजन की भी। इन साइट्स ने सेलिब्रिटिज को अपने प्रशंसकों से सीधे संवाद करने का अनमोल मौका दिया है।

अब कि‍ताबों के भी ई-वर्जन आने लगे हैं अप्रैल में एप्‍पल ने आई-पॉड लॉन्‍च कि‍या है। ये टेबलेट कंप्‍यूटर है। 16, 32 और 64 जीबी स्‍टोरेज क्षमता के साथ इसके माध्‍यम से आप इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं, गेम खेलने के साथ लि‍ख भी सकते हैं। इसमें आई-बुक एप्‍लि‍केशन का भी वि‍कल्‍प है, इसमें आप एप्‍पल के ऑनलाइन स्‍टोर से कि‍ताबें डाउनलोड कर सकते हैं।

हाँलाकि‍ अभी यह सुवि‍धा सि‍र्फ अमेरि‍का में ही उपलब्‍ध है, फि‍र भी पैंग्‍वि‍न हार्पर कॉलिंस, सि‍मंस एंड सचस्‍टर और मैकमि‍लन जैसे प्रकाशकों ने आई-पैड के लि‍ए कि‍ताबें प्रकाशि‍त करने का वादा कर इस दि‍शा में एक क्रांति‍कारी कदम उठाया है। तो अब आप इसमें कि‍ताबों का सेट जमाकर कहीं भी सुवि‍धा से ले जा सकते हैं और पढ़ भी सकते हैं। इसी कड़ी में नए आइडि‍या के तौर पर मोबाइल फोन पर कॉमि‍क्‍स की रचना भी होने लगी है।

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