अब मोबाइल गुम या चोरी हो जाने पर पहले आपको शिकायत करने के लिए मशक्कत करती पड़ती थी, लेकिन अब सरकार ने ऐसी सुविधा दी है, जिससे आपको इन परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी। सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिस पर आप मोबाइल गुम होने या चोरी होने की शिकायत कर सकते हैं।
सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर 14422 जारी किया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर आप मोबाइल के चोरी होने या गुम होने की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इस नंबर पर डायल करने या संदेश भेजने पर शिकायत दर्ज हो जाएगी और पुलिस व सेवा प्रदाता कंपनी मोबाइल की खोज करेगी।
देश के 21 अन्य दूरसंचार सर्कल में कई चरणों में इसे दिसंबर तक लागू किया जाएगा। दूरसंचार विभाग द्वारा तैयार सीईआईआर में हर नागरिक के मोबाइल की पूरी जानकारी होगी। पिछले कुछ वर्षों हजारों मोबाइल की चोरी और लूट की घटनाओं को देखते हुए सी-डॉट को दूरसंचार मंत्रालय ने यह तंत्र विकसित करने को कहा था।
देश के हर नागरिक की जानकारी : दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र (सी-डॉट) ने चोरी या गुम मोबाइल का पता लगाने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) तैयार किया है। सीईआईआर में भारत के हर नागरिक का मोबाइल मॉडल, सिम नंबर और आईएमईआई नंबर है।
मोबाइल मॉडल पर निर्माता कंपनी द्वारा जारी आईएमईआई नंबर के मिलान का तंत्र सी-डॉट ने ही विकसित किया है। इस तंत्र को चरणबद्ध तरीके से राज्यों की पुलिस को सौंपा जाएगा। मोबाइल के गुम होने पर शिकायत दर्ज होते ही पुलिस और सेवा प्रदाता मोबाइल मॉडल और आईएमईआई को मैच करेगी। अगर आईएमईआई नंबर बदला जा चुका होगा, तो सेवा प्रदाता उसे बंद कर देगी। सेवा बंद होने पर भी पुलिस मोबाइल ट्रैक कर सकेगी।
बंद हो जाएगी सिम : सी-डॉट के अनुसार शिकायत मिलने पर मोबाइल में कोई भी सिम लगाए जाने पर नेटवर्क नहीं आएगा, लेकिन उसकी ट्रैकिंग होती रहेगी। मंत्रालय के एक सर्वे में सामने आया था कि देश में एक ही आईएमईआई नंबर पर 18 हजार हैंडसेट चल रहे हैं।
सजा और जुर्माने का प्रावधान : आईएमईआई बदलने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पिछले वर्ष दूरसंचार मंत्रालय ने मोबाइल चोरी, झपटमारी और गुम होने की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए टेलीग्राफ एक्ट में संशोधन किया था। इस संशोधन के अनुसार आईएमईआई से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।