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BharOS से यूजर्स को मिलेगा प्राइवेसी का भरोसा, IIT Madras ने बढ़ाई Apple और Google की टेंशन

हमें फॉलो करें BharOS से यूजर्स को मिलेगा प्राइवेसी का भरोसा, IIT Madras ने बढ़ाई Apple और Google की टेंशन
, शनिवार, 21 जनवरी 2023 (18:51 IST)
अदिति गेहलोत 
 
आजकल मोबाइल के उपयोग के साथ ही उसकी सुरक्षा भी जरूरी हो गई है। ऐप्स को लेकर सिक्योरिटी भी एक बड़ी चिंता रहती है। इसी बीच आईआईटी मद्रास ने स्वदेशी BharOS'नाम का 'मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम' तैयार किया है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम 'आत्म‍निर्भर भारत' की ओर यह योगदान भारत के 100 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं को हाईटेक सिक्योरिटी देगा।

आईआईटी मद्रास ने एक प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि 'BharOS' सर्विस फिलहाल में ऐसे संगठनों को प्रदान की जा रही है जिन्हें कड़ी से कड़ी सिक्योरिटी और प्राइवेसी की आवश्यकता है जिसके जरिए यूजर्स अपनी सेंसिटिव इंफॉर्मेशन को हेंडल कर सकते हैं। इसके यूजर्स को 5G नेटवर्क के माध्यम से प्राइवेट क्लाउड सर्विसेस के एक्सेस लेने की आवश्यकता है। 
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क्या है खूबियां : BharOs 'नो डिफॉल्ट एप्स' (NDA) के साथ आता है। इसका मतलब यह है कि यूजर्स को उन एप्स को उपयोग करने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा जिनसे वे अपरिचित हैं या सिक्योरिटी के लिहाज से अविश्वसनीय हो। इसके अलावा यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को उन ऐप पर अधिक कंट्रोल देता है, जो उनके डिवाइस में हैं। BharOs यूजर्स को उनकी जरूरतों के अनुरूप ऐप चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, कंट्रोल और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। 
 
इसके अतिरिक्त ऑपरेटिंग सिस्टम को संस्थान-विशिष्ट 'प्राइवेट एप स्टोर सर्विसेस' (PASS) के जरिए ट्रस्टेड ऐप्स का एक्सेस प्रदान करेगा। डेवलपर्स ने कहा है कि PASS ने ऐसे ऐप्स की सूची तैयार की है जिसमें वे ऐप्स शामिल है जिनका अच्छी तरह से निरीक्षण किया गया है एवं सुरक्षा भेद्ता की चिंताओं से मुक्त है। यूजर्स अब सुनिश्चित होकर ऐप्स को इंस्टॉल कर सकेंगे।
 
यह सॉफ्टवेयर जेएनडीके ऑपरेशन्स प्राइवेट द्वारा विकसित किया गया है, जिसे आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया है। यह आईआईटी मद्रास की एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है।
 
कम हो सकती है स्मार्टफोन की कीमतें : माना जा रहा है कि BharOS के लॉन्च होने से स्मार्टफोन भी सस्ते हो सकते हैं, क्योंकि अभी स्मार्टफोन यूजर्स को अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए Google और   Apple पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में गूगल की तरफ से मनमाने चार्ज वसूले जाते हैं। ऐप डेवलपर्स के लिए यह नया सिक्योर्ड ऑप्शन मिलेगा। Edited by Sudhir Sharma

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