हजारों लोग शिक्षा पाने से इसलिए वंचित रह जाते हैं, क्योंकि वे संसाधनों की कमी के चलते स्कूल या कॉलेज नहीं पहुंच पाते, लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए भी अपनी प़ढ़ाई जारी रखना आसान हो जाएगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने ई-यूनिवर्सिटी की स्थापना की है। इसमें सैटेलाइट के माध्यम से उच्च स्तरीय शिक्षा को इंटरनेट और टेलीविजन के जरिए घर-घर पहुंचाया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूजीसी अपनी योजना के मुताबिक पहले ग्रेजुएशन एवं पीजी लेवल के कोर्स ही ऑनलाइन उपलब्ध करवाएगा। इसके बाद स्कूली शिक्षा को भी इसमें शामिल किया जाएगा। ज्ञात हो कि ऐसे विद्यार्थी जो संसाधनों की कमी के चलते बड़े शहरों के कॉलेजों तक नहीं पहुंच पाते, उन्हें घर पर ही शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यूजीसी द्वारा ऑनलाइन कोर्स प्रारंभ किए जा रहे हैं।
इसके तहत विद्यार्थी अपने मनपसंद विषय का चयन कर सकते हैं और उन्हें वेब पेज के जरिए अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें ऐसे ऑप्शन भी मौजूद रहेंगे, जिससे विद्यार्थी कठिन लगने वाले विषयों को आसानी से समझ सकेंगे। यही नहीं, विद्यार्थी पढ़ाई के साथ ही ऑनलाइन परीक्षा भी दे सकेंगे।
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इस योजना का मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलेगा। ई-यूनिवर्सिटी के माध्यम से ऐसे विद्यार्थी बहुत ही कम खर्चे में अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगे। उन्हें न तो घर से बाहर जाने की जरूरत होगी और न ही रोजाना कॉलेज। बाहर रहकर पढ़ाई के दौरान होने वाले खर्चों एवं परेशानी से भी विद्यार्थी बचेंगे। शहरों के स्टूडेंट जहां इंटरनेट के तहत इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे, वहीं ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थी डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) एंटीना के माध्यम से टीवी के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे।
सैटेलाइट के जरिए ऑनलाइन स्टडी सुविधा प्रदान करने के लिए दिल्ली स्थित यूजीसी मुख्य कार्यालय सहित देशभर में 17 स्टडी सेंटर बनाए गए हैं। इनमें इंदौर, अहमदाबाद, कोलकाता, हैदराबाद, जोधपुर, चैन्नई, मदुरै, पुणे, कालीकट, इम्फाल, मैसूर, पटियाला, डकी, श्रीनगर आदि शामिल हैं।
विद्यार्थी यूजीसी द्वारा संचालित किए जाने वाले इन कोर्सों की अधिक जानकारी के लिए कन्सोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन, एनएससी कैम्पस, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली में संपर्क कर सकते हैं। साथ ही यूजीसी के बिट्टन मार्केट भोपाल स्थित रीजनल ऑफिस से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।