कॉल सेंटर, मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल में युवाओं को भले ही बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है और वहाँ ग्लैमर भी अधिक दिखाई देता है, लेकिन सचाई यह है कि इन क्षेत्रों में कार्यरत अधिकांश कर्मचारी अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य संगठन (एसोचैम) के कार्य संतुष्टि के स्तर पर किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक काम की लंबी अवधि, ऊँचे लक्ष्य और अत्यधिक अपेक्षाओं के बोझ के कारण बीपीओ और कॉल सेंटर में 85 फीसदी तक कर्मचारी अपने काम से असंतुष्ट पाए गए।
करीब 700 कर्मचारियों के बीच हुए इस सर्वेक्षण के मुताबिक इंजीनियरिंग एवं निर्माण, शेयर बाजार, कपड़ा एवं गारमेंट निर्माण, रेलवे, एफएमसीजी, एक्सपोर्ट हाउस, परिवहन आदि क्षेत्रों में भी अधिकतर कर्मचारी अपने काम से असंतुष्ट पाए गए।
सर्वेक्षण के अनुसार सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, विदेशी दूतावासों और शैक्षणिक संस्थानों में मध्य स्तर के कर्मचारियों में कार्य संतुष्टि सबसे अधिक पाई गई है। मध्य स्तर के कर्मचारियों को दफ्तर के बाद जिम्मेदारी का अहसास कम होता है और नियोक्ता को उनसे अपेक्षाकृत कम उम्मीदें होती हैं।
सर्वेक्षण में 80 फीसदी का मत है कि लचीली कार्य अवधि, ढेरों छुट्टियों की सुविधा और आकर्षक वेतन-भत्ते जैसे अन्य पहलू कार्य संतुष्टि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
सर्वेक्षण के मुताबिक सरकारी विभागों में अवर सचिव, उपसचिव और निदेशक, शैक्षिक संस्थाओं में व्याख्याता, वरिष्ठ व्याख्याता,रीडर, विदेशी दूतावासों में सलाहकार, व्यावसायिक एवं व्यापार अधिकारी, सार्वजनिक उपक्रमों में प्रबंधक, वरिष्ठ प्रबंधक जैसे अधिकारियों में सबसे अधिक कार्य संतुष्टि पाई गई।