Google Play Store ऐप डाउनलोड करते हुए वायरस का खतरा बना रहा है, लेकिन अब गूगल एक नया कदम उठा रहा है। इससे आपको मालवेयर और मालेशियस ऐप्स से छुटकारा मिलेगा। मालेशियस ऐप्स अक्सर गूगल सेक्योरिटी चेक को बाईपास करने में सफल हो जाते हैं। रीव्यू पूरा होने के बाद, हैकर्स इन ऐप्स में मैलवेयर इंजेक्ट करते हैं या उन्हें और अधिक मालवेयर कंटेंट डाउनलोड करने में सक्षम बनाते हैं।
अभी क्या है स्थिति : Google इन खतरनाक ऐप्स को Play Store से हटा देता है और संबंधित डेवलपर अकाउंट्स पर बैन लगा देता है, फिर भी साइबर अपराधी नए अकाउंट बनाने और उसी खतरनाक ऐप्स को अलग-अलग नामों से सबमिट करने में सफल हो जाते हैं।
क्या है बदलाव : इससे बचने के लिए Google एक बदलाव लागू करेगा। इससे हैकर्स के लिए डाउनलोड किए गए ऐप्स को संक्रमित करना आसान नहीं होगा। नए बदलाव के बाद नए ऐप्स सबमिट करने के लिए डेवलपर्स के पास एक वैध D-U-N-S (डेटा यूनिवर्सल नंबर सिस्टम) नंबर आवश्यक होगा।
D-U-N-S नंबर एक डेटा और बिजनेस एनालिटिक्स फर्म डन एंड ब्रैडस्ट्रीट जारी करता है। इस नंबर को हासिल करने में वेरिफिकेशन के लिए खास डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे। इस प्रक्रिया में 30 दिन तक का समय लग सकता है। इससे प्ले स्टोर पर अपने ऐप से कमाई करने के इच्छुक ऐप डेवलपर्स के लिए काफी देरी हो जाती है।
कब से लागू होगा बदलाव : Google ने ऐलान किया है कि 31 अगस्त से, सभी नए Android डेवलपर्स को अपना अकाउंट बनाते समय एक वैलिड D-U-N-S नंबर देना होगा। मौजूदा डेवलपर्स को भी अपने अकाउंट्स को अपडेट और वेरिफाई करने की जरूरत पड़ेगी। ये सारी जानकारी Google के ब्लॉग पोस्ट यानी Android डेवलपर्स ब्लॉग में दी गई है। हालांकि गूगल के इन कदमों के बाद भी यूजर्स को ऐसे ऐप्स से सतर्क रहना जरूरी होगा।
क्या रखें ध्यान : यूजर्स के लिए ऐप्स डाउनलोड करने के अन्य तरीके भी हैं जो खतरनाक हैं। हैकर्स साइडलोडेड ऐप्स का उपयोग करके अनजान एंड्रॉइड यूजर्स को निशाना बना सकते हैं।
सिक्योरिटी के लिए एंड्रॉइड डिवाइस पर ऐप्स को साइडलोड करने से बचने की सलाह दी जाती है और केवल आधिकारिक ऐप स्टोर जैसे कि प्ले स्टोर, अमेजन ऐप स्टोर, ऐप स्टोर और सैमसंग गैलेक्सी स्टोर से ऐप डाउनलोड करें। Edited By : Sudhir Sharma