इंटरनेट की शुरुआत से ही कहा जाता रहा है कि यह माध्यम तो अंग्रेज़ी भाषा जानने वालों के लिए है, जिसे अंग्रेजी नहीं आती वह इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में स्थिति बदली है और हिन्दी सहित अन्य कई भाषाओं ने इंटरनेट पर अपनी स्थिति मजबूती से दर्ज करवाई है। वर्तमान में देशी भाषाओं में इंटरनेट का उपयोग कई गुना बढ़ गया है। स्मार्ट फोन की संख्या लगातार बढ़ रही है और उपयोगकर्ता हिन्दी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में बड़े पैमाने पर इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।
गूगल के भारत और दक्षिण पूर्व एशिया ऑपरेशन के वाइस प्रेसिडेंट राजन आनंद ने टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के हवाले से कहा है कि अंग्रेज़ी के ज़माने गए। भारत में केवल 2 करोड़ लोग की अंग्रेजी में कुशल हैं और वे पहले से इंटरनेट पर मौजूद हैं। ऑनलाइन आने वाले हर 10 में से 9 उपयोगकर्ता अंग्रेजी में कुशल नहीं है और ऐसे में यह कहना उचित होगा कि इंटनेट की ग्रोथ गैर अंग्रेज़ी उपयोगकर्ता से हो रही है।
गूगल के अनुसार साल 2021 तक हिन्दी में कंटेट का इस्तेमाल अंग्रेजी से अधिक हो जाएगा। आनंद ने कहा कि यह केवल चार साल दूर है। उन्होंने कहा कि हिन्दी की अगुवाई में अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की उपस्थिति इंटरनेट पर लगातार बढ़ रही है और कई लोग इंटरनेट पर आ रहे हैं।