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जानिए कौन नियंत्रित करता है इंटरनेट की दुनिया को!

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हमें फॉलो करें जानिए कौन नियंत्रित करता है इंटरनेट की दुनिया को!
, मंगलवार, 9 दिसंबर 2014 (11:12 IST)
अगर आपको इस सवाल का जवाब देना हो कि दुनिया में किस चीज का फैलाव सबसे ज्यादा है तो थोड़ी देर के लिए आप सोच में पड़ जाएंगे और फिर शायद हवा को, पानी को या इंसानों का नाम ले देंगे। आपके जवाब बहुत ही सटीक हैं पर ये सभी चीजें प्रकृति के देन हैं और आपको कुछ ऐसा सोचना है जो इंसान के दिमाग की उपज हो। हम बात कर रहें हैं इंटरनेट की।

इसकी पहुंच हमारी सोच में समाना मुमकिन नहीं। हम अधिकतर इससे जुड़े हुए जासूसी, हैकिंग या अन्य कई तरह के मामले सुनते रहते हैं और टेक्नोलॉजी में छुपे हुए खतरे और शक्ति का एहसास करते हैं। हमारी जिंदगी पर नजर रख सकने की क्षमता और हमारे दिमाग को पढ़ने की इच्छा रखने वाले इस शक्तिशाली माध्यम के विषय में जिज्ञासा जाग्रत होना स्वभाविक है। यह शक्तिशाली माध्यम किसके नियंत्रण में है, इसका राज आज के बाद राज नहीं रहेगा।

आप जो आगे जानने जा रहे हैं वह बहुत कुछ प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक 'डेन ब्राउन' के उपन्यासों के समान दिलचस्प होने वाला है। डेन ब्राउन अपने 'द विंची कोड', जिस पर एक फिल्म भी बनाई गई थी, के अलावा अन्य कई रचनाओं के लिए जाने जाते है और अमूमन उनके हर उपन्यास में रहस्य, रोमांच, सनसनी और नाटकीयता भरपूर होती है जिसे कोड, पढ़ने में कठिन भाषा, सेक्रेट चाबियां, और सिम्बॉल्स के उपयोग से गति मिलती है।

हम आपको बताते हैं कि इंटरनेट को असलियत में सात चाबियों से नियंत्रित किया जाता है और इसे नियंत्रित करने वाली प्रक्रिया को 'Key ceremony' (की सेरेमॉनी) कहा जाता है। यह सेरेमॉनी एक संस्था {Internet Corporation for Assigned Names and Numbers (ICANN)} (इंटरनेट कॉर्पोरेशन फॉर असाइंड नेम्स और नंबर्स) के द्वारा संचालित की जाती है।
अगले पन्ने पर, इंटरनेट की रहस्यमयी दुनिया...

ICANN की जिम्मेदारियों में वेबसाइट्स और कम्प्यूटर्स के लिए नंबर निर्धारित करने के अलावा, वेबसाइट्स को ऐसे एड्रेस देना होता है जो कि लोग ब्राउजर्स पर टाइप करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप अपने ब्राउजर पर 64.27.101.155 टाइप करेंगे तो आप एक वेबसाइट के वेब पेज पर ले जाए जाएंगे लेकिन इतना बडा नंबर और हर एक वेबसाइट्स के लिए बेहद मुश्किल काम है और इसमें त्रुटी होने की संभावना भी बहुत अधिक है इसलिए ICANN वेबसाइट्स को आसान से वेब एड्रेस प्रदान करती है। इसतरह यह संस्था कम्प्यूटर को पढ़ने में आसान होने वाले नंबर्स और इंसानों के लिए आसान होने वाले वेब एड्रेस का निर्माण करती है।

अगर किसी व्यक्ति के हाथ इस संस्था के डेटाबेस लग जाएं तो उसका इंटरनेट पर नियंत्रण हो जाए। संस्था इस तरह की घटनाओं को न होने देने के लिए इसका नियंत्रण एक व्यक्ति के हाथ में न रखकर 7 अलग-अलग व्यक्तियों के हाथ में रखती है जिनके पास एक एक चाबियां यानी कुल सात चाबियां होती हैं। सात और लोग इस सुरक्षा व्यवस्था में रखे गए हैं जिनके पास भी सात चाबिय़ां होती हैं लेकिन यह लोग सिर्फ पहले सात व्यक्तियों का बेकअप होते हैं।


यह सात चाबियां ऐसे बॉक्सेस की हैं जो दुनिया में कहीं गुप्त स्थानों पर सुरक्षित रखे गए हैं। इन बॉक्सेस में स्मार्ट की कार्ड्स रखे हुए हैं ।इन सातों कार्ड्स के साथ होने पर ही 'मास्टर की' बनती है और इसी मास्टर की में, इस संस्था में होने वाले इंटरनेट को नियंत्रित करने वाला डेटाबेस का कोड या पासवर्ड होता है।

सन 2010 से सभी चाबी धारक, हर चार साल में'की सेरेमॉनी' के लिए मिलते हैं और नई 'मास्टर की'यानी कोड या पासवर्ड बनाने के लिए। इस सेरेमॉनी में भाग लेने के लिए बहुत सुरक्षित व्यवस्था से गुजरना पडता है जिसमें एक लंबा तालों से, फिंगर प्रिंट्स, और कोड्स से भरा हुआ गलियारा भी शामिल है। आखिर में एक ऐसे कमरे में यह सेरेमॉनी संचालित होती है जहां हर तरह का इलेक्ट्रिक डिवाइस का पता चल जाता है। इस सेरेमॉनी के बाद हर एक सदस्य इस कमरे बाहर निकल जाता है और उसके बाद का समय पार्टी के लिए होता है।

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