National Technology Day 2023
National technology day history: 'विज्ञान मानवता के लिए वरदान है' ये लाइन आपने कई बार अपने स्कूल में विज्ञान पर निबंध लिखते समय उपयोग की होगी। दरअसल, देखा जाए तो विज्ञान हमारे लिए सच में एक वरदान की तरह है क्योंकि मानव ने खुद को विज्ञान के ज़रिए ही विकसित किया है। विकास की बात करें तो टेक्नोलॉजी के माध्यम से आज हम कई गुना ज्यादा आगे बढ़ चुके हैं। आज हम साधारण तकनीक को छोड़कर AI टेक्नोलॉजी पर आ चुके हैं। सिर्फ तकनीक के कारण आज हमारा ज्ञान सिर्फ एक विषय तक सीमित नहीं है। इस बढ़ती टेक्नोलॉजी और महान वैज्ञानिकों को सम्मान देने के लिए भारत में हर साल 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे यानी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं नेशनल टेक्नोलॉजी डे से जुड़ी सारी जानकारी के बारे में।
कैसे हुई नेशनल टेक्नोलॉजी डे की शुरुआत | How did National Technology Day begin?
इस दिवस की शुरुआत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी क्योंकि 11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में 5 परमाणु परीक्षण किए गए थे।
ये द्वितीय पोखरण परीक्षण था जिसका कोड नाम 'ऑपरेशन शक्ति' रखा गया था। इससे पहले भी पोखरण टेस्ट मई 1974 में किया गया था जिसका कोड नाम 'smiling budha रखा गया था। साल 1999 के बाद इस दिवस को हर साल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड (technology development board) द्वारा मनाया जाने लगा।
क्या है नेशनल टेक्नोलॉजी डे 2023 की थीम | What is the theme of National Technology Day 2023?
नेशनल टेक्नोलॉजी डे की थीम हर साल सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और इस साल की थीम School to Startups- Igniting Young Minds to Innovate' निर्धारित की गई है। इस थीम के ज़रिए आज की जनरेशन एवं युवाओं की टेक्नोलॉजी में भागीयता बढ़ाई जाएगी।
क्या है नेशनल टेक्नोलॉजी डे का महत्व | What is the significance of National Technology Day?
इस दिवस को भारत के सभी वैज्ञानिक, रेसेअर्चेर और इंजीनियर की उपलब्धियों के सम्मान में मनाया जाता है। साथ ही पोकरण के पांचों सफल टेस्ट के पीछे भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का भी हाथ था जिनके कारण बिना किसी समस्या के पोखरण परमाणु टेस्ट सफल हुआ।