New Sim Card Rules : SIM Card लेना अब आसान नहीं होगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए नए नियम बनाए हैं। सरकार ने हाल ही में एक फैसला लिया है जिसमें मोबाइल नंबर्स और बिजनेस कॉल्स के लिए नो योर कस्टमर (KYC) फ्लेक्सिबिलिटी को खत्म कर दिया गया है और इसे अनिवार्य बना दिया गया है। KYC फ्लेक्सिबिलिटी के खत्म होने से अवैध गतिविधियों, जैसे टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड पर अंकुश लगेगा।
इसके अलावा यह सुनिश्चित होगा कि सभी मोबाइल नंबर्स रजिस्टर्ड यूजर्स से जुड़े हों, जिससे इमरजेंसी सर्विसेस और सरकारी योजनाओं तक पहुंचना आसान हो सके। इससे अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। यह बदलाव विशेष रूप से प्रीपेड यूजर्स पर प्रभाव डालेगा।
पहले, प्रीपेड यूजर्स के लिए KYC फ्लेक्सिबिलिटी थी, जहां वे बिना पूरी KYC के भी सिम कार्ड प्राप्त कर सकते थे, लेकिन अब यह विकल्प खत्म हो गया है। नई पॉलिसी का सबसे बड़ा प्रभाव प्रीपेड यूजर्स पर पड़ेगा, जो अब बिना KYC के सिम कार्ड प्राप्त नहीं कर पाएंगे। यह प्रक्रिया थोड़ी कम सुविधाजनक है, लेकिन लंबे समय में यह सुरक्षा और विश्वास बढ़ाएगी। पोस्टपेड यूजर्स, जो पहले से ही KYC कंप्लीट करा चुके हैं, पर इसका असर कम होगा। हालांकि, उन्हें भी समय-समय पर KYC अपडेट करानी होगी।
क्या है नई गाइडलाइन में
अब सभी मोबाइल नंबर्स के लिए KYC प्रक्रिया अनिवार्य होगी, चाहे वह प्रीपेड हो या पोस्टपेड। नई गाइडलाइंस के तहत, यूजर्स को अपनी पहचान और एड्रेस प्रूफ के साथ KYC कंप्लीट करानी होगी। यह प्रक्रिया ऑफलाइन (टेलीकॉम स्टोर्स पर) या ऑनलाइन (टेलीकॉम कंपनियों की वेबसाइट्स या ऐप्स के माध्यम से) दोनों तरीकों से पूरी की जा सकती है।
कैसे होगा KYC
आधार कार्ड (Aadhar Card), पैन कार्ड (PAN Card), वोटर आई (Voter ID)- एड्रेस प्रूफ (जैसे Utility Bill, राशन कार्ड (Ration Card), पासपोर्ट (Passport) जैसे दस्तावेज जमा कराने होंगे। एक पासपोर्ट साइज फोटो ये दस्तावेज टेलीकॉम स्टोर्स पर जमा किए जा सकते हैं या टेलीकॉम कंपनियों की वेबसाइट्स और ऐप्स के माध्यम से ऑनलाइन सबमिट किए जा सकते हैं। Edited by: Sudhir Sharma