नई दिल्ली। आम चुनाव के मद्देनजर पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत व्हाट्सएप ने एक नई पहल की है। कंपनी उपयोक्ताओं को यह तय करने की सुविधा देने जा रही है कि उन्हें किसी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जा सकता है या नहीं।
फेसबुक की स्वामित्व वाली सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप ने एक बयान में कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप परिजनों, दोस्तों, सहकर्मियों, सहपाठियों एवं अन्य लोगों को एक साथ जोड़ने का माध्यम बना रहेगा। चूंकि लोग महत्वपूर्ण संवाद के लिए ग्रुप से जुड़ते हैं, उन्होंने अपने अनुभव के बारे में अधिक नियंत्रण की मांग की।
कंपनी ने प्राइवेसी सेटिंग में एक नए फीचर की शुरुआत की है। इसके जरिये उपयोक्ता यह तय कर सकते हैं कि उन्हें किसी व्हाट्सएप ग्रुप में कौन जोड़ सकता है। इसके लिए तीन विकल्प दिए गए हैं।
पहले विकल्प के तहत उपयोक्ता को कोई भी किसी ग्रुप में नहीं जोड़ सकता है। दूसरे विकल्प के तहत उपयोक्ता को सिर्फ वही लोग ग्रुप में जोड़ सकते हैं जो पहले से उनकी कांटैक्ट सूची में जुड़े हुए हों। तीसरे विकल्प में हर किसी को ग्रुप में जोड़ने की सुविधा दी गई है। अभी तक किसी उपयोक्ता को कोई भी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ सकता था।
इनके अलावा व्हाट्सएप ने एक अन्य फीचर की भी शुरुआत की है। यदि कोई आपको किसी ग्रुप में जोड़ता है तो प्राइवेट चैट के जरिये इसका लिंक आपको मिलेगा। यदि आप तीन दिन के भीतर निमंत्रण स्वीकार कर लेते हैं तो आप ग्रुप में शामिल हो जाएंगे। यदि आपने तीन दिन तक निमंत्रण स्वीकार नहीं किया जो वह स्वत: समाप्त हो जाएगा।
कंपनी ने कहा कि इन फीचरों की शुरुआत बुधवार से की गई है। उसने कहा कि आने वाले सप्ताह में ये फीचर दुनिया भर में उपलब्ध हो जाएंगे। (भाषा)