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जानिए क्यों बिका याहू

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, सोमवार, 25 जुलाई 2016 (19:52 IST)
वह याहू जो इंटरनेट था, रेस में पिछड़ गया
 
अस्सी और नब्बे के दशक में जन्मे लोगों ने जब कभी इंटरनेट का इस्तेमाल किया, उन्होंने याहू का उपयोग ज़रूर किया होगा। सर्च इंजन की दुनिया में याहू, याहू मेल, मैसेंजर से लोगों ने इंटरनेट सीखा। याहू मैसेंजर कई लोगों को इंटरनेट की दुनिया तक  लाया। आज याहू का सफर थम गया है।इंटरनेट की दुनिया पर 20 साल राज करने वाले याहू को वेराइजन कम्यूनिकेशन ने 32.5 हजार करोड़ रुपए में खरीद लिया है।
ख़बर यह नहीं है कि याहू कंपनी बिक गई, बल्कि हैरत इस बात पर है कि जिस याहू ने एक पूरी पीढ़ी का परिचय इंटरनेट से करवाया और इंटरनेट की दुनिया में नए नए प्रोडक्ट और सर्विस लांच की वह याहू कंपनी ऐसे समय में बाज़ार में बिक गई,  जबकि दुनिया में इंटरनेट यूज़र्स की संख्या सबसे अधिक है।
 
एक समय था जब AOL और Yahoo को ही इंटरनेट समझा जाता था। जो भी इंटरनेट इस्तेमाल करता, वह याहू पर अनिवार्य  रूप से आता। अगर यह कहा जाए कि याहू ने इंटरनेट की दुनिया को लाखों करोड़ों यूजर्स दिए तो गलत नहीं होगा।   
 
याहू के इस तरह रेस में पिछड़ जाने का क्या कारण हो सकता है? क्या वक्त के साथ खुद नहीं डाल पाने का खामियाजा याहू ने भुगता? ऐसा भी नहीं कि याहू ने बदलती परिस्थितियों को नहीं भांपा। स्मार्टफोन के ज़माने में सोशल मीडिया की आंधी में  याहू की परंपरागत इंटरनेट सेवाएं पीछे छूट गईं।   
 
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन तो बहुत बाद में आए। इंटरनेट की दुनिया में सर्च का झंडा याहू को सबसे ऊंचा रहा। साथ में याहू मैसेंजर की धूम अलग। याहू मेल के ज़रिये लोगों ने ई मेल के महत्व जाना। आज हालात बदल चुके हैं, याहू के  कॉम्पिटिटर कहीं आगे निकल गए हैं और याहू के बारे में सबसे ताज़ा ख़बर यह है कि उसने अपना कारोबार बेच दिया है। 

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