प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। यात्रा गुंडिचा मंदिर जाती है वहां पर भगवान जगन्नाथ 9 दिनों तक विश्राम करने के बाद एकादशी के दिन पुन: अपने धाम लौट आते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 07 जुलाई 2024 रविवार को यह रथ यात्रा निकलेगी। 17 जुलाई को भगवान पुन: लौट आएंगे और फिर चार माह के लिए वे निद्रा में चले जाएंगे।
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द्वितीया तिथि प्रारम्भ- 07 जुलाई 2024 को प्रात: 04:26 से
द्वितीया तिथि समाप्त- 08 जुलाई 2024 को प्रात: 04:59 तक
शुभ मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:09 से 04:49 तक
प्रातः संध्या: प्रात: 04:29 से 05:29 तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:54 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 से दोपहर 03:40 तक
गोधूलि मुहूर्त: दोपहर 07:21 से 07:42 तक
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:23 से 08:23 तक
रवि पुष्य योग : पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
भगवान जगन्नाथ की पूजा:
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सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करें।
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पूजा स्थल पर भगवान जगन्नाथ के चित्र या मूर्ति को घर में एक पाट पर पीला वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
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ध्यान रहे कि चित्र या मूर्ति के साथ बलभद्र और सुभद्रा का भी चित्र संयुक्त होना चाहिए।
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तीनों पर पवित्र जल छिड़ककर स्नान कराएं। उन्हें वस्त्र से अच्छे से साफ करें।
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स्नान के बाद धूप और दीप का प्रज्वलन करें। घी का दीपक जलाएं।
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इसके बाद तीनों को फूल माला अर्पित करें। इसके बाद उन्हें हल्दी, कंकू और अक्षत लगाएं।
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इसके बाद षोडशोपचार पूजन करें यानी 16 प्रकार की सामग्री अर्पित करें।
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16 प्रकार की सामग्री में उनका मनपसंद भोग और प्रसाद भी होता है।
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इसके बाद उनकी आरती उतारें और सभी को प्रसाद वितरण करें।
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जिन शहरों या घरों में उनकी पालकी निकाली जाती है तो उनका पूजा का तरीका अलग होता है। ALSO READ: जगन्नाथ रथयात्रा के बारे में 25 खास बातें जानिए