jagannath puri ke aas paas kaha jaye: हर साल जब जगन्नाथ रथ यात्रा का समय आता है, तो ओडिशा के पुरी शहर की सड़कों पर भक्ति, आस्था और दिव्यता की एक अनोखी लहर दौड़ जाती है। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की यह भव्य यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के नजरिए से भी एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती है। लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से पुरी आते हैं ताकि वे इस अद्वितीय रथ यात्रा का हिस्सा बन सकें। लेकिन बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता कि पुरी केवल भगवान जगन्नाथ के दर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके आसपास कई ऐसे स्थान हैं जो आपकी यात्रा को और भी समृद्ध और यादगार बना सकते हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे पुरी के आसपास घूमने लायक पांच शानदार स्थान, जिन्हें आप रथ यात्रा के दौरान या बाद में एक्सप्लोर कर सकते हैं। ये जगहें न केवल प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व से भरपूर हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि आपकी पुरी यात्रा सिर्फ एक तीर्थ यात्रा न होकर एक परफेक्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन बन जाए।
1. कोणार्क का सूर्यमंदिर
पुरी से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोणार्क का सूर्यमंदिर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है और इसे देखने हर साल देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। इस मंदिर को सूर्य भगवान के रथ के रूप में बनाया गया है जिसमें 24 भव्य पहिए और सात घोड़े प्रतीकात्मक रूप से सूर्य की गति को दर्शाते हैं। इसकी नक्काशी, भव्यता और वास्तुकला किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है। यदि आप रथ यात्रा के समय पुरी पहुंचे हैं, तो कोणार्क जरूर जाएं और महसूस करें वो ऐतिहासिक ऊर्जा जो पत्थरों में भी जीवंत है।
2. चिल्का झील
पुरी से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है और बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। यहां विंटर सीजन में साइबेरिया, ईरान और रूस से हजारों प्रवासी पक्षी आते हैं। अगर आप नेचर के करीब रहकर कुछ शांत और सुकून भरे पल बिताना चाहते हैं, तो बोटिंग, डॉल्फिन वॉचिंग और सुंदर द्वीपों की यात्रा का अनुभव यहां जरूर लें। रथ यात्रा के बाद कुछ शांत क्षण चिल्का में बिताना आपके मन और आत्मा दोनों को सुकून देगा।
3. साक्षीगोपाल मंदिर
पुरी से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित साक्षीगोपाल मंदिर धार्मिक इतिहास और प्रेमगाथा दोनों से जुड़ा है। कहा जाता है कि यहां भगवान कृष्ण स्वयं साक्षी बने थे एक प्रेमी जोड़े की शादी के लिए। मंदिर की सुंदरता और इसके पीछे की कथा इसे एक खास अनुभव बनाती है। अगर आप पुरी आए हैं और थोड़ा और आध्यात्मिक अन्वेषण करना चाहते हैं, तो इस मंदिर को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें।
4. रामचंडी समुद्र तट
कोणार्क के रास्ते में ही पड़ने वाला रामचंडी बीच उन लोगों के लिए है जो ज्यादा भीड़भाड़ से दूर, प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताना चाहते हैं। समुद्र की लहरों की आवाज, शांत वातावरण और सूर्योदय या सूर्यास्त के दृश्य आपको एक अलग ही सुकून देंगे। रथ यात्रा की भीड़ और ऊर्जा के बाद यह एक आदर्श स्थान है जहां आप कुछ समय खुद के साथ बिता सकते हैं।
5. नारेंद्र पोखरी
पुरी शहर के ही भीतर स्थित नारेंद्र पोखरी एक विशाल और शांत जलाशय है, जहां भगवान जगन्नाथ के 'चंदन यात्रा' और 'जलविहार' जैसे उत्सव मनाए जाते हैं। यहां के घाटों पर बैठकर आप आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। रथ यात्रा में आए श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान उस समय की याद दिलाता है जब भगवान स्वयं जल में स्नान करते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं।