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पुरी और अहमदाबाद की रथ यात्रा में क्या है अंतर? यह जानकारी आपको नहीं होगी...

हमें फॉलो करें Jagannath Rath Yatra Puri
, शुक्रवार, 1 जुलाई 2022 (14:40 IST)
Ahmedabad and Puri Rath Yatra: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को ओड़ीसा के पुरी में और गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। आओ जानते हैं कि दोनों ही जगह की रथयात्रा में क्या है खास अंतर।
 
1. पुरी में ही जगन्नाथ का मुख्‍य और प्राचीन मंदिर है, जबकि अहमदाबाद में ऐसा नहीं है। रथयात्रा तो पुरी से ही जुड़ी हुई है जिसका प्रचलन बाद में अन्य शहरों में होता गया और जिसमें अहमदाबाद की रथयात्रा को लोकप्रियता मिली।
 
2. पुरी में जो रथ निकाले जाते हैं वह दो माह पहले ही बनते हैं और वे तीन रथ होते हैं जिनकी भव्यता देखते ही बनती है जबकि अहमदाबाद में एक ही रथ निकाला जाता है। वह रथ ज्यादा बढ़ा नहीं होता है और ना ही हर वर्ष रथ बनाने की जरूरत पड़ती है।
 
3. पुरी में यात्रा करीब 3 से 4 किलोमीटर का सफर करती और गुंडीचा मंदिर पहुंचकर वहीं पर 7 दिन रहने के बाद लौटती है, जबकि अहमदाबाद में यात्रा का मार्ग करीब 18 किलोमीटर लंबा है और एक ही दिन में यात्रा लौट आती है। 
 
4. यात्रा की शुरुआत सबसे पहले बलभद्र जी के रथ से होती है। उनका रथ तालध्वज के लिए निकलता है. इसके बाद सुभद्रा के पद्म रथ की यात्रा शुरू होती है। सबसे अंत में भक्त भगवान जगन्नाथ जी के रथ 'नंदी घोष' को बड़े-बड़े रस्सों की सहायता से खींचना शुरू करते हैं।
 
5. पुरी में जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा की शुरुआत सैंकड़ों साल पहले हुई थी जबकि अहमदाबाद में इसकी शुरुआत करीब 144 साल पहले हुई थी। दोनों ही जगह यह रथ यात्रा महोत्सव लगभग 10 दिनों तक चलता है। इस बार अहमदाबाद में 145वीं रथ यात्रा निकल रही है।
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Ahmedabad Rath Yatra
6. पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के रथ बहुत ही विशालकाय होते हैं। रथयात्रा में तीन रथ होते हैं, जिसमें सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा और सबसे पीछे नन्दीघोष नाम के रथ पर श्री जगन्नाथ चलते हैं। 'तालध्वज रथ' 65 फीट लंबा, 65 फीट चौड़ा और फीट ऊंचा है। इसमें 7 फीट व्यास के 17 पहिये लगे होते हैं। बलराम और सुभद्रा दोनों के रथ प्रभु जगन्नाथ के रथ से छोटा होते हैं।
 
7. अहमदाबाद के रथयात्रा के लिए तीनों ही रथों को उपनाम दिए गए हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम ‘नंदीघोष’ है। 6 पहियों वाला रथ 13.5 मीटर ऊंचा होता है। सुभ्रदा के रथ का नाम ‘देवदलन’ है। यह 12.9 मीटर ऊंचे 12 पहिए के इस रथ में लाल, काले कपड़े के साथ लकड़ी के 593 टुकड़ों का इस्तेमाल होता है। बलरामजी के रथ का नाम ‘तलध्वज’ है। यह 13.2 मीटर ऊंचा 14 पहियों का होता है, जो लाल, हरे रंग के कपड़े व लकड़ी के 763 टुकड़ों से बना होता है। दुनिया के किसी भी कोने में यह रथयात्रा निकले, रथों को इन्हीं नामों से संबोधित किया जाता है। हालांकि इन रथों की बनावट शैली समान ही होती है।
 
9. पुरी में रथ यात्रा से जुड़ी कई अन्य परंपरा और रस्में भी होती है जबकि अहमदाबाद में निकलने वाली रथ यात्रा में इतने नियम या रस्में नहीं होते हैं।
 
10. भारतीय राज्य ओड़िशा के पुरी और और गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की यात्रा का आयोजन होता है। दोनों ही यात्रा भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। दोनों ही जगहों में मंदिर में बैठे भगवान की मूर्तियां एक समान है।

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