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भगवान आदिनाथ का तीसरा महामस्तकाभिषेक

यहाँ आकर भाग्य जाग गया : गौड़

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गुरुवार को बावनगजा में श्रद्धालुओं के अभूतपूर्व उत्साह के बीच तीसरे महामस्तकाभिषेक में भगवान आदिनाथ का जल, दूध, और केसर अभिषेक किया गया। उपाध्याय श्री गुप्तिसागरजी व अनेक जैन मुनियों ने समारोह की शोभा बढ़ाई। तीसरे महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम में भी श्रद्धालुओं में जबर्दस्त उत्साह नजर आया।

कार्यक्रम को देखने के लिए जैन समाज ही नहीं अपितु अन्य समाज से भी बड़ी संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ भी इस पवित्र भूमि को देख कर अभिभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि यह बाबूलाल पाटौदीजी का निर्देश था कि मैं यहाँ आऊँ। यहाँ आकर मेरा भाग्य जाग गया है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय गौ रक्षा समिति के महामंत्री हुकुमचंद सावला ने कहा कि भारत पर संतों की कृपा है। हम भाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म इस धरा पर हुआ। महोत्सव समिति के अध्यक्ष एनके सेठी, कार्याध्यक्ष शेखरचंद पाटनी, पद्मश्री पाटौदी, भोजनशाला समिति अध्यक्ष विनोद डोसी, विधायक प्रेमसिंह पटेल, समिति के मीडिया सदस्य श्री राजेन्द्र जैन मौजूद थे। अभिषेक के दौरान समन्वय करने का कार्य प्रदीप चौधरी व हँसमुख गाँधी ने किया।
  कार्यक्रम को देखने के लिए जैन समाज ही नहीं अपितु अन्य समाज से भी बड़ी संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ भी इस पवित्र भूमि को देख कर अभिभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि यह बाबूलाल पाटौदीजी का निर्देश था।      


'ये वो जहाज...'
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अभिषेक की पूर्व संध्या पर ख्यात भजन गायक राजेन्द्र जैन ने प्रभावी प्रस्तुति दी। उन्होंने नृत्य करते हुए 'ये वो जहाज जिसने लाखों को तारा' भजन गाया, तो सभी जन झूम उठे। उन्होंने बावनगजा महोत्सव पर आधारित पाँच भजन सुनाए, जो उनके ही द्वारा रचित थे। अंत में उन्होंने राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत 'मेरा रंग दे बसंती चोला' गीत सुनाया।

भव्यता निहारने पहुँच ग
महोत्सव में कई व्यक्ति भगवान आदिनाथ की ओर खिंचे चले आ रहे हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जो मेले और आयोजन की भव्यता को निहारने पहुँच रहे हैं। यह मस्तकाभिषेक 17 वर्षों बाद हो रहा है।

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