श्वेतांबर समाज के पर्युषण पर्व (shwtamber paryushan 2022) भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तक मनाया जाता है। इन दिनों आत्मशुद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
जैन धर्म के अनुसार हिंसा और परिग्रह दो ऐसी विषैली चीजें हैं, जो हर जगह अपना जाल बिछाकर मनुष्य को धर्म के रास्ते से भटका देती हैं। अत: पर्युषण महापर्व मनुष्य के चित्त को शुद्ध करने का कार्य करता है। महापर्व पर्युषण के दौरान सभी 24 तीर्थंकरों के तत्व ज्ञान का चिंतन-मनन किया जाता है।
आइए जानते हैं जैन धर्म के 24 तीर्थंकर कौन-कौनसे हैं- 24 Jain tirthankar names
1. ऋषभदेव/आदिनाथ,
2. अजितनाथ,
3. संभवनाथ,
4. अभिनंदननाथ,
5. सुमतिनाथ,
6. पदम प्रभु,
7. सुपार्श्वनाथ,
8. चंद्रप्रभु,
9. पुष्पदंत,
10. शीतलनाथ,
11. श्रेयांसनाथ,
12. वासूपूज्य,
13. विमलनाथ,
14. अनंतनाथ,
15. धर्मनाथ,
16. शांतिनाथ,
17. कुंतुनाथ,
18. अमरनाथ,
19. मल्लिनाथ,
20. मुनिसुव्रतनाथ,
21. नमिनाथ,
22. नेमिनाथ,
23. पार्श्वनाथ,
24. महावीर स्वामी।
Shwetambar Jains Paryushan