जैन आगमों एवं भारतीय दर्शनों का गहन अध्ययन करने वाले महान संत आचार्य तुलसी जी ने तनावमुक्ति के लिए प्रेक्षाध्यान, चारित्रिक विकास के लिए शिक्षा में जीवन विज्ञान जैसे व्यापक आयामों का अवदान देकर सच्चे अर्थों में महान युग प्रवर्तक की भूमिका अदा की।
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है आचार्य तुलसी जी के छह अनमोल वचन :-
* धार्मिक व्यक्ति दुःख को सुख में बदलना जानता है।
* मनुष्य की धार्मिक वृत्ति ही उसकी सुरक्षा करती है।
* धर्म तो मनुष्य को मिलना सिखाता है। जो धर्म आपस में लड़ाए, वह वास्तव में धर्म है ही नहीं।
* धार्मिक वृत्ति बनाए रखनेवाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं हो सकता और धार्मिक वृत्ति को खोनेवाला कभी सुखी नहीं हो सकता।
* स्वप्न वही देखना चाहिए, जो पूरा हो सके।
* प्रलोभन और भय का मार्ग बच्चों के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन सच्चे धार्मिक व्यक्ति के दृष्टिकोण में कभी लाभ-हानि वाली संकीर्णता नहीं होती।