Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(द्वितीया तिथि)
  • तिथि- माघ शुक्ल द्वितीया
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त- सावान मास प्रा., अवतार मेहेर बाबा पु.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia

शुद्ध भाव से होती है आत्मा पवित्र

शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक

Advertiesment
हमें फॉलो करें शुद्ध भाव से होती है आत्मा पवित्र
ND

शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक है। यह पवित्रता, सुचिता, संतोष के माध्यम से आती है। व्यक्ति को जैसे-जैसे लाभ होता है, वैसे-वैसे उसका लोभ बढ़ता जाता है और एक दिन वह इच्छा से तृष्णा में बदल जाता है। उक्त उद्‍गार मुनि तरुण सागर महाराज ने पर्युषण पर्व के दौरान व्यक्त किए।

उन्होंने बताया कि बाहर से तो शरीर की शुद्धि पर सभी ध्यान देते हैं पर अंतरंग आत्म तत्व की शुद्धि संतोष रूपी जल से होती है। हमारा किया हुआ कर्म यदि नष्ट नहीं हुआ तो लौटकर अपने पर ही बरसेगा।

webdunia
ND
शौच धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि शौच धर्म का अर्थ लोभ नहीं करना, लोभ रहित पवित्रता, उज्ज्वलता, निर्मलता के भावों का होना है। आज का यह पावन पर्व पवित्रता का प्रतीक है। यदि हमारे अंदर पवित्रता आती है तो वह संतोष के माध्यम से आती है।

लोभ सब पापों की जड़ है। जो धर्म लोभ की नींव पर खड़ा होता है वह क्षणभंगूर होता है। लोभ तृष्णा से जन्म लेता है। लाभ बढ़ने पर लोभ भी बढ़ता है। लोभ की पूर्ति सौ जन्मों में नहीं हो सकती। लोभ पर विजय लोक पर विजय है। लोभ से बचने का उपाय सिर्फ धर्म ध्यान है।

उन्होंने कहा कि पवित्रता, शुचिता, निर्मलता, उत्तम शौच धर्म का पर्याय है। शौच का अर्थ शुद्धि है, तन की नहीं मन की शुद्धि। अध्यात्म की शरण लिए बिना मन शुद्ध नहीं हो सकता।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi